गाजियाबाद के मसूरी में छठी कक्षा में पढ़ने वाले दोस्त की हत्या करने वाले दसवीं के छात्र के दिमाग में खौफनाक साजिश आठ महीने से चल रही थी। लेकिन, उसके सामने यह चुनौती थी कि आखिरकार वह किसकी हत्या करे और कैसे करे। अंत में उसने शरीर में दुबले-पतले अपने दोस्त को टारगेट बनाया और उसे मौत के घाट उतार डाला।
एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने बताया कि हत्यारोपी छात्र के माता-पिता उसे जबरन स्कूल भेजते थे, जबकि उसका पढ़ाई में जरा भी मन नहीं लगता था। उसे स्कूल और पढ़ाई के साथ-साथ अपने माता-पिता से भी नफरत होने लगी थी। लिहाजा उसे इन सबसे निजात पाने के लिए हत्या करके जेल जाने का फैसला किया। एसपी ग्रामीण ने बताया कि आरोपी ने आठ महीने पहले हत्या करने का फैसला किया था। वह इस पशोपेश में था कि किसकी हत्या करे। चाकू से हत्या करे या तमंचे से गोली मारे।
नहीं हो पाया था असलहे का जुगाड़!
उसने कुछ दिन असलहा हासिल करने का जुगाड़ भी भिड़ाया था, लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई। उधर, उसे जल्द से जल्द स्कूल व माता-पिता से छुटकारा पाना था, इसलिए पड़ोस में रहने वाले दोस्त नीरज की हत्या करने का फैसला किया।
दो बार पहले भी नीरज को हत्या के इरादे से लाया था आरोपी
पुलिस के मुताबिक आरोपी ने दोस्त को टारगेट तो कर लिया, लेकिन वह उसकी हत्या की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। हत्या करने के लिए वह दोस्त को दो बार पहले भी साथ लेकर आया, लेकिन वापस लौट गया। लेकिन सोमवार को खेलने के बहाने वह तीसरी बार दोस्त नीरज को घर से लेकर आया और हिम्मत जुटाकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस का कहना है कि नीरज हत्यारोपी की तुलना में शरीर में दुबला-पतला था। वह विरोध नहीं कर पाएगा और आसानी से उसका शिकार बन जाएगा, यही सोचकर आरोपी ने उसे टारगेट बनाया था।पुलिस का कहना है कि दोस्त की हत्या करने वाला छात्र प्रॉपर्टी डीलर का बेटा है। वह मृतक दोस्त के घर भी आता-जाता था। वहीं, मृतक छात्र अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखता है।
‘हत्या करके आया हूं, जेल भेज दीजिए’
दोस्त को मौत के घाट उतारने के बाद आरोपी छात्र खुद ही गरिमा गार्डन पुलिस चौकी पहुंचा। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से उसने बेबाकी से कहा कि वह दोस्त की हत्या करके आया है। उसे जेल भेज दीजिए।पुलिस को शुरू में उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ। घटनाक्षेत्र जेल चौकी क्षेत्र में था, लेकिन इसके बावजूद गरिमा गार्डन चौकी इंचार्ज ने एक सिपाही भेजकर घटना तस्दीक कराई तो वह सही निकली।