मुंबई में शुक्रवार को कृष्ण जन्माष्टमी पर दही हांडी समारोह के दौरान कम से कम 24 ‘गोविंदा’ घायल हो गए। इनमें से पांच को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि 19 को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। इस उत्सव के दौरान दही से भरी मटकी को ऊंचाई पर लटकाया जाता है और मानव पिरामिड बनाकर गोविंदा उसे तोड़ते हैं।
जन्माष्टमी के मौके पर पूरे महाराष्ट्र में इस खेल का आयोजन किया जाता है। खेल के दौरान प्रतिभागियों के गिरने और घायल होने की घटनाएं हर साल देखने को मिलती हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के अधिकारियों ने कहा गया कि दोपहर तीन बजे तक मुंबई में दही हांडी खेल में शामिल 24 सदस्य घायल हो गए। उनमें से 19 को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। पांच गोविंदा को अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनकी हालत स्थिर है। घायलों में से नौ का इलाज केईएम अस्पताल, पांच का नायर अस्पताल और चार का पोद्दार अस्पताल में उपचार हुआ।
सरकार ने दिया साहसिक खेल का दर्जा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को विधानसभा में घोषणा की कि उनकी सरकार ने लोकप्रिय उत्सव दही हांडी को साहसिक खेल का दर्जा देने का फैसला किया है। सरकार के एक आदेश में सभी सरकारी, निगम और जिला परिषद अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को इन आयोजनों के दौरान घायल हुए प्रतिभागियों को मुफ्त इलाज प्रदान करने का निर्देश दिया गया है।
प्रतिभागी की मृत्यू होने पर 10 लाख का मुआवजा
उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों या उनके परिवारों को मानव पिरामिड बनाने के दौरान किसी खिलाड़ी के हताहत होने की स्थिति में मुआवजा दिया जाएगा। यदि मानव पिरामिड बनाने के दौरान किसी प्रतिभागी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसी खिलाड़ी के गंभीर रूप से घायल हो जाने पर सात लाख रुपए तथा मामूली रूप से घायल होने पर पांच लाख रुपए दिए जाएंगे।