मध्य प्रदेश के जबलपुर जिल से सटे सूखा गांव में दलित बच्चों के साथ सरकारी स्कूल में दुर्व्यवहार करने की खबर सामने आई है। स्कूल में दलित वर्ग के विद्यार्थियों से खाने के बर्तन धुलवाए गए हैं। जिसका एक वीडियो भी सामने आया हैं। दिन में भोजन खाने के बाद उन्हीं बच्चों से सार्वजनिक रूप से बर्तन धुलवाए गए। जिसके बाद इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर ऊपर बैठे अधिकारियों तक गई है।
मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि भोजन के बाद दलित छात्र-छात्राओं से ही उनके बर्तन धुलवाए गए। और ऐसा लगातार कई दिनों से चल भी रहा हैं। इस बात को लेकर अभिभावकों ने विरोध भी दर्ज किया था। लेकिन समूह संचालकों ने गालीगलौज करते हुए उनके साथ मारपीट की और स्कूल से भगा दिया।
वहीं इसको लेकर कई बार स्कूल प्रबंधन की शिकायत भी हुई लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बर्तन धूलवाने के मामले को लेकर बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता ने कलेक्टर से लेकर आला अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
शिकायत करने वाले सुनील अहिरवार ने अपने पत्र में लिखा है कि हमारे गांव सूखा भारतपुर थाना चरगवां के सरकारी स्कूल में 15 अगस्त को स्कूल के बच्चों से खाने के बर्तन धुलवाये गए। जब इसका विरोध किया तो मेरे साथ भी गालीगलौज की गई। और यह पहली बार नहीं है।
अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से हमेशा भोजन देने के बाद बर्तन उन्हीं बच्चों से सार्वजनिक धुलवाए जाते हैं। वहां के स्कूल प्रधान और अन्य टीचर से बोलने के बाद भी, भोजन परोसने वालों को कभी समझाया नहीं गया।
दरअसल उसके शिकायत करने के बाद लगातार उसे धमकियां मिल रही है और शिकायत वापिस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन शिकायतकर्ता का कहना है कि हम दलित लोग हमेशा उत्पीड़न सहते आए हैं, लेकिन अब नहीं सहेंगे।
उधर, शिकायत करने के बाद 16 अगस्त को कलेक्टर से शिकायत करने के बाद जांच के लिए शहपुरा से बीआरसी की दो सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची थी। जिन्होंने जांच के नाम पर शिकायतकर्ता को ही गलत ठहराया। शिकायतकर्ता ने बताया कि जांच टीम ने जबरदस्ती एक कागज में हस्ताक्षर करवाए और कहा कि तुमने ही खुद जबरदस्ती बच्चों से झूठे बर्तन धुलवाएं हैं।