दिल्ली के करोल बाग इलाके के एक गर्ल्स पीजी हॉस्टल के सिक्योरिटी गार्ड द्वारा कथित तौर पर नशे की हालत में लड़कियों से छेड़खानी करने का शर्मनाक मामला सामने आया है। छेड़खानी की यह घटना हॉस्टल के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सीसीटीवी फुटेज के सामने आने के बाद दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने एक पीजी के सुरक्षा गार्ड द्वारा पीजी में रहने वाली लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली के करोल बाग इलाके में एक पीजी में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के संबंध में सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘ट्विटर’ पर पोस्ट की गई एक वीडियो क्लिप पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज करने को कहा है।
आरोप है कि गोल्ड्स विला पीजी, करोल बाग के सुरक्षा गार्ड ने पीजी में रहने वाली लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की। इस मामले में एक वीडियो भी ट्वीट किया गया है जिसमें एक आदमी को एक महिला को पकड़कर उससे छेड़छाड़ करते हुए देखा जा सकता है, जो उससे छूटकर भागने की पूरी कोशिश कर रही है। यह भी बताया गया है कि जब इसकी शिकायत पीजी के मालिक से की गई तो उसने कोई कार्रवाई नहीं की।
महिला आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस देकर दिल्ली पुलिस से मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज करने और आरोपी को गिरफ्तार करने को कहा है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट वीडियो में एक शख्स छेड़छाड़ करते नजर आ रहा है। यह शख्स पीजी का ही सुरक्षा गार्ड बताया जा रहा है। डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उक्त पीजी के रजिस्ट्रेशन का ब्यौरा भी दिल्ली पुलिस से मांगा है। आयोग ने दिल्ली पुलिस को 18 अगस्त को शाम चार बजे तक इस मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।
महिला ने पुलिस कार्रवाई करने से किया इनकार
डीसीपी (सेंट्रल) ने बताया कि 13 अगस्त 22 को करोल बाग थाने में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई थी कि “पीजी के गार्ड ने मारपीट की है”। स्थानीय पुलिस आवश्यक कानूनी कार्रवाई के लिए मौके पर पहुंची। हालांकि, फोन करने वाली महिला ने शिकायत देने से इनकार कर दिया। अब पता चला है कि उसने उक्त पीजी को 14 अगस्त 22 को खाली कर दिया है। 16 अगस्त 22 कथित हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया है। आज महिला और उसके परिवार से फिर से संपर्क किया गया… जिसमें उन्होंने शिकायत / कानूनी कार्रवाई शुरू करने से इनकार कर दिया और यह लिखित रूप से दिया है।