उदयपुर के पास उभेश्वर इलाके में वैष्णो देवी मंदिर में चोरी और मूर्तियां खंडित करने वाले दो बदमाशों को आखिरकार पुलिस ने पकड़ ही लिया। टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद मंदिर में चोरी व तोड़फोड़ की इस घटना को सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश माना जा रहा था। पुलिस ने भेष बदलकर इलाके में रेकी की, लोगों से पूछताछ की तब ये आरोपी पकड़े गए। आर्थिक तंगी के कारण दोनों आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम दिया था। लेकिन पुलिस को शक नहीं हो इसलिए बदमाशों ने मूर्तियों को खंडित कर दिया।
एसपी विकास शर्मा ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि वारदात 23 जुलाई की है। दोनों बदमाश से प्लान के तहत मंदिर पहुंचे और ताला तोड़कर दानपेटी से नकदी चोरी की। इसी दौरान उन्होंने चांदी का एक छत्र चोरी किया। पुलिस को शक नहीं हो। इसके लिए आरोपियों ने प्रतिमाओं को भी खंडित कर दिया। पुलिस ने इस घटना की एक-एक कड़ी को जोड़कर आरोपियों तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की। इस बीच कई सीसीटीवी देखे गए और करीब 400 लोगों से पूछताछ की गई। इसके बाद दो संदिग्ध लोगों के नाम सामने आए। पुलिसकर्मी ग्रामीणों के भेष में घूमे और आरोपियों का पता लगाया।
नाई थानाधिकारी साबिर खान के नेतृत्व में टीम ने झाड़ोल के ढढावली गांव निवासी प्रकाशचंद गमेती (28) और तेजाराम वडेरा (32) को गिरफ्तार किया। दोनों रिश्ते में चचेरे भाई हैं। पूछताछ के दौरान इस बात का पता चला था कि 23 जुलाई को उनके हाथ लोहे की रॉड और एक बैग था। वे गांव से उदयपुर के लिए पैदल रवाना हुए थे। इसके बाद से गांव में दिखाई नहीं दिए। दोनों ही आरोपी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते थे।
एसपी ने बताया कि दोनों आरोपी उदयपुर में ही एक कारखाने में मजदूरी करते थे। नौकरी चली जाने के बाद से आर्थिक तंगहाली का सामना कर रहे थे। सावन माह में उभेश्वर महादेव के पास मंदिर में भारी चढ़ावे को देखकर ही चोरी का प्लान बनाया था। पुलिस ने दोनों को मंगलवार को न्यायलय में पेश किया, जहां से उन्हें 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।