दिल्ली के शाहदरा जिले की साइबर थाना पुलिस ने नोएडा सेक्टर-10 में छापेमारी कर एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने दो कॉल सेंटर मालिक समेत आठ को गिरफ्तार किया है, जिसमें तीन महिलाएं शामिल है। आरोपी डॉक्टर और नर्सों को नामी अस्पतालों में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे।
पुलिस के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में आरोपियों ने 100 से अधिक लोगों से करीब 30 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है। शाहदरा के डीसीपी आर.सत्य सुंदरम ने बताया कि सूरजमल विहार में रहने वाली दंत चिकित्सक डॉक्टर आयुषी डागा ने शाहदरा जिले के साइबर थाने में ठगी की शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि पिछले दिन पहले उसके मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन आया। उसने अपना नाम कुणाल त्रिपाठी बताया और खुद को नौकरी दिलाने वाली एक कंपनी का कर्मचारी बताया।
उसने एक नामी अस्पताल में दांतों के डॉक्टर का पद खाली होने की बात कही और उस अस्पताल में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उसने कहा कि आवेदन करने के लिए प्रक्रिया से गुजरना होगा। आयुषी उसके झांसे में आ गई और 3500 रुपये रजिस्ट्रेशन के लिए भेज दिए। इसके बाद उसने कई बार में 99 हजार रुपये जमा कर लिए। बाद में उन्हें पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। इसके बाद मामले की शिकायत दी। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
डीसीपी ने बताया कि आरोपियों के बैंक खाते की जानकारी ली गई। इस दौरान पता चला कि तीन अलग-अलग खातों में रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। तीनों खाते फर्जी कागजात के आधार पर खुले हुए थे। इन खातों से रुपये नोएडा सेक्टर-11 और सेक्टर-44 के अलग-अलग एटीएम से निकाले गए थे। पुलिस ने कॉल करने वाले नंबरों के सीडीआर की जांच की तो पता चला कि कॉल नोएडा सेक्टर-10 से की जा रही थी। पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस की मदद से छानबीन की तो पता चला कि सेक्टर-10 में जॉब दिलवाने का कॉल सेंटर चलाया जा रहा है। मंगलवार को पुलिस की टीम ने कॉल सेंटर पर छापेमारी कर आठों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
डाटा खरीदते थे
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि आरोपी नौकरी दिलाने वाली कंपनी से बेरोजगार डॉक्टर और नर्स का डाटा खरीदते थे। इसके बाद उन्हें फोन कर नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे। आरोपी भरोसा जीतने के लिए नामी अस्पताल के नाम से उनके मिलते-जुलते मेल आईडी से मेल करते थे। इसके बाद आवेदन की प्रकिया बताकर अपने खाते में रुपये जमा कराते रहते थे। आरोपी करीब दो साल से वारदात को अंजाम दे रहे थे।
फर्जी कॉल सेंटर के दो मालिक
पूछताछ में पता चला कि आरोपी प्रवींद्र कुमार झा और अमित कुमार फर्जी कॉल सेंटर के मालिक हैं। वहीं आरोपी शिव कुमार, मो. नूरुलहक अंसारी, मोहित व तीनों महिलाएं टेलीकॉलर का काम करतीं थीं। पुलिस को आरोपियों के पास से कुछ डॉक्टरों और नर्सों का डाटा भी मिला है।