गुरुग्राम पुलिस ने सोशल नेटवर्किंग साइटों पर विज्ञापनों के माध्यम से शराब घर पहुंचाने के बहाने देशभर में कम से कम 3,000 लोगों को ठगने के आरोप में राजस्थान से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लोगों के केवाईसी फॉर्म को ऑनलाइन अपडेट करने के साथ-साथ उसके आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर उनसे जबरन पैसों की वसूली भी करता था।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले आकिब जावेद, तस्लीम खान और सब्बीर के रूप में हुई है। इनकी गिरफ्तारी गुरुग्राम के एक पीड़िता व्यक्ति की शिकायत के बाद की गई है।
25 जुलाई को दर्ज कराई थी शिकायत
एसीपी (क्राइम) प्रीत पाल सांगवान ने बताया कि एक व्यक्ति ने 25 जुलाई को उनके पास शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने ऑनलाइन शराब का ऑर्डर दिया था जिसके बाद उससे 1.5 लाख रुपये ठग लिए गए। उन्होंने कहा कि पीड़ित ने सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखा और गुरुग्राम की एक प्रमुख दुकान के दिए गए नंबर पर संपर्क किया और 11,717 रुपये का ऑर्डर दिया था। कुछ मिनटों के बाद, उन्हें दुकान के विक्रेता के रूप में एक व्यक्ति द्वारा फोन किया गया। कथित विक्रेता ने पीड़ित को एक लिंक भेजा, उस पर क्लिक करने और सेवा शुल्क के रूप में ₹10 का भुगतान करने के लिए कहा। जब पीड़ित ने उस लिंक पर क्लिक किया, तो उसके खाते से ₹93,380 निकल गए। इसके तुरंत बाद, लगभग 50,000 रुपये भी डेबिट हो गए।
इसके बाद पीड़ित ने दिए गए नंबर पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन कॉल का कोई जवाब नहीं आया। फिर वह दुकान पर गया और पाया कि दुकान कोई ऑनलाइन सेवा प्रदान नहीं करती है, ना ही वो नंबर दुकान का है।
सांगवान ने कहा कि शिकायत मिलने के बाद, साइबर थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419, 420 और आईटी एक्ट की धारा 66डी के तहत मामला दर्ज किया गया था।
एक साल से अधिक समय से कर रहे थे ठगी
उन्होंने कहा कि हमने टीमों का गठन किया और तकनीकी निगरानी के आधार पर एक जांच शुरू की और कुछ सुराग प्राप्त किए। इसके बाद हमने भरतपुर इलाके में टीमें भेजीं। सभी नंबरों और संदिग्धों की संलिप्तता की पुष्टि करने के बाद हमने उनमें से तीन को जुरेहरा से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने गिरफ्तार लोगों की पहचान भरतपुर के आकिब जावेद, तस्लीम खान और सब्बीर के रूप में की और कहा कि वे एक साल से अधिक समय से लोगों को ठग रहे थे।
इन कामों का झांसा देकर करते थे ठगी
सांगवान ने कहा कि इन आरोपियों ने 12 लोगों की एक टीम बना रखी थी। उन्होंने कहा कि इन्होंने ऑनलाइन शराब घर पहुंचाने, सेकेंड हैंड सामान (वाहनों सहित) बेचने, केवाईसी फॉर्म अपडेट करने के फर्जी विज्ञापन दिए थे और लोगों के छेड़छाड़ किए गए अश्लील वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर उनसे रकम वसूलते थे।
300 से अधिक मोबाइल फोन और सिम कार्ड खरीदे
पुलिस ने कहा कि ये खुद को सेकेंड हैंड कार बेचने वाले सैन्य अधिकारियों के रूप में भी पेश करते थे फिर क्यूआर कोड भेजकर पीड़ितों के बैंक खातों से धनराशि निकाल लेते थे। पुलिस ने कहा कि इस गिरोह ने 300 से अधिक मोबाइल फोन और सिम कार्ड खरीदे और प्रत्येक ठगी के बाद उन्हें छोड़ दिया।
सेक्सटॉर्शन के लिए एक दर्जन से अधिक महिलाओं को भी साथ जोड़ा
पुलिस ने यह भी कहा कि इन जालसाजों ने सेक्सटॉर्शन के लिए एक दर्जन से अधिक महिलाओं को वॉट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर पुरुषों से दोस्ती करने के लिए जोड़ा था। ये महिलाएं पुरुषों को वीडियो कॉल पर कपड़े उतारने और उन्हें रिकॉर्ड करने के लिए प्रेरित करती थीं।
पुलिस ने कहा कि गिरोह फिर सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो अपलोड करने की धमकी देकर पुरुषों को ब्लैकमेल करता था। उन्होंने कहा कि महिलाओं की पहचान करना अभी बाकी है। सांगवान ने कहा कि गिरोह के सदस्यों ने पिछले 15 दिनों में पीड़ितों से 25 लाख रुपये ठगे हैं।
पुलिस ने उनके पास से चार मोबाइल फोन, 47,200 रुपये नकद, 14 सिम कार्ड और एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। इनके बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया गया है।