एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि जिस तरह से श्रीलंका में लोग राष्ट्रपति निवास में घुस गए थे, वैसे ही भारत में भी लोग एक दिन प्रधानमंत्री आवास में घुसकर बैठेंगे। ओवैसी ने कहा कि श्रीलंका की ये स्थिति इसलिए हुई क्योंकि वहां की सरकार ने बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे का समाधान नहीं किया। भारत में भी लोग अब सड़क पर उतरने लगे हैं। अग्निवीर योजना के विरोध से लेकर किसान आंदोलन तक, लोगों का नेताओं पर भरोसा कम हो रहा है।
राजस्थान के जयपुर में ‘टॉक जर्नलिज्म’ में बोलते हुए ओवैसी ने कहा, ‘सीएए, किसान बिल, अग्निवीर जैसे मुद्दों पर जनता सड़क पर उतरी है। देखना एक दिन जैसे श्रीलंका में लोग राष्ट्रपति भवन में घुसकर बैठे थे, वैसे ही यहां PM हाउस में घुसकर बैठेंगे और कहेंगे कि नौकरी नहीं दी हमको। मैं ऐसा चाहता नहीं हूं, नहीं तो कल UAPA लग जाएगा मुझपर।’ इस दौरान ओवैसी ने इस सवाल का जवाब भी नहीं दिया कि क्या देश में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
उदयपुर की घटना पर यह बोले ओवैसी
ओवैसी ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले कुछ वर्षों से कार्यपालिका संसद में विधायका को कमजोर करने का प्रयास कर रही है जिससे बहस की गुंजाइश कम हो गई है। ओवैसी ने कहा, ‘संसद के मॉनसून सत्र में 14 विधेयक पेश हुए और चंद मिनटों में पास भी हो गये। संसद में एक साल में सिर्फ 60-65 दिन ही बैठक होती है ऐसे में कैसे हम जनता के मुद्दों को उठाएंगे।’ उदयपुर की घटना के सवाल पर ओवैसी ने कहा, ‘हमने घटना की निंदा की है और हमारा मानना है कि जब कन्हैयालाल ने पुलिस को शिकायत दी थी तब पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी। अगर उस वक्त कार्रवाई की गई होती यह घटना नहीं होती।’