राजस्थान में सीएम गहलोत और सचिन पायलट की अदावत जगजाहिर है। गाहें-बगाहें दोनों नेता एक-दूसरे पर निशाना साधते रहे हैं। लेकिन, इस बार सचिन पायलट ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम लेकर सीएम गहलोत पर निशाना साधा है। पायलट ने कहा कि 2013 के चुनावों में शर्मनाक हार के बाद उन्होंने सड़क पर उतरकर संघर्ष किया। वसुंधरा सरकार ने उनका हौसला तोड़ने के लिए लाठियां चलवाई। 2013 से 2018 तक मैंन वसुंधरा राजे को प्रचंड बहुमत होने के बावजूद चैन से नहीं बैठने दिया था। 2018 में वसुंधरा सरकार की रवानगी हो गई। फिर से पार्टी सत्ता में लौट आई। लेकिन हम 1998 से सरकार रिपीट करने में विफल रहे हैं। जबकि दिल्ली और हरियाणा समेत दक्षिण के राज्यों में कांग्रेस की सरकार रिपीट हुई है।
कुछ फैसले लेकर कांग्रेस की वापसी संभव
पायलट ने जयपुर में जर्नलिज्म टॉक शो के दौरान कहा कि कुछ फैसले लेकर राजस्थान में कांग्रेस की वापसी संभव है। राजस्थान में लंबे समय से ट्रेंड है कि जिस पार्टी की सरकार है वह दूसरी बार नहीं बनती है। इस बार पायलट ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सरकार रिपीट नहीं हो सकती। उसके लिए जरूरी है कि हमें आम जनता के हिसाब से काम करना चाहिए। राजस्थान में फिर से कांग्रेस पार्टी की सरकार बने इसको लेकर मैंने डेढ़ साल पहले जो कदम उठाया था उस वक्त अपनी सभी बातें पार्टी के प्लेटफार्म पर रख दी थी। मुझे लगता है कि अगर उन पर सही तरीके से अमल किया जाए तो, हम फिर सत्ता में वापसी कर सकते हैं। पायलट ने इस बात को भी स्वीकारा कि जो रोड मैप बनाकर उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को दिया था। उस पर कुछ हद तक काम हुआ है।
लोकसभा चुनाव में मिली हार पर इस्तीफा दे दिया
पायलट ने कहा कि जब मैं राजस्थान में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहा था तब मैंने इस बात को भी स्वीकार कर लिया था कि जो परिणाम आएंगे उसकी जिम्मेदारी मेरी होगी। अध्यक्ष पद संभालने के साथ ही 3 महीने बाद लोकसभा चुनाव में हमें 25 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा तो मैंने अपनी इस हार को भी स्वीकार किया था। मैंने सोनिया गांधी के पास हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दिया और उनसे कहा कि मैं अध्यक्ष होने के नाते पार्टी को जीत नहीं दिला पाया हूं। मुझे इस पद पर नहीं रहना चाहिए, लेकिन सोनिया गांधी ने मुझ पर विश्वास जताया और कहा कि अभी आपको गए हुए 3 महीने हुए हैं, आगे आपको पार्टी के लिए प्रदेश में और काम करना है। मेरा मकसद 2023 के चुनाव में कांग्रेस की सरकार रिपीट करना है।
गहलोत ने बताई सरकार क्यों रिपीट नहीं होती
राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं होने की बात कहकर सचिन पायलट सीएम गहलोत को निशाने पर लेते रहे हैं। पूर्व में सार्वजनिक मंचों पर पायलट इस बात को दोहराते रहे हैं। लेकिन सीएम गहलोत ने प्रदेश में सरकार रिपीट नहीं होने की वजह भी बताते रहे हैं। करीब 3 महीने पहले राजधानी जयपुर के एक होटल में कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार रिपीट नहीं होने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की नहीं होती है। सीएम गहलोत ने पायलट का नाम लिए बिना कहा कि सब जानते है कि सरकार रिपीट क्यों नहीं होती है। इसके लिए एक व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। पुरानी बातों का याद करने के बजाय विधानसभा चुनाव 2023 पर फोकस करना चाहिए।