सियासत में न साथी स्थाई होते हैं न दुश्मन…जी हां, बीते विधानसभा चुनावों में साथ आकर सत्तारुढ़ होने के दावे करने वाली समाजवादी पार्टी के मुखिया और सुभासपा के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर अब आमने-सामने हैं। दोनों एक आरोप-प्रत्यारोप कर एक दूसरे को घेर रहे हैं। अब दोनों ने टिकट देने के नाम पर वसूली को लेकर एक दूसरे को घेरा है। सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया है। कहा है कि अखिलेश ने हमें 16 टिकट दिए साथ में 12 प्रत्याशी भी दे दिए। इन 12 प्रत्याशियों से उनके नवरत्नों ने कितने पैसे लिए इसका सबूत उनके पास है, अखिलेश बोलें तो दे सकता हूं।
अमेरिका से पढ़े हैं और झाड़ फूंक की बातें कर रहे हैं
ओम प्रकाश ने कहा है कि अखिलेश यादव गठबंधन टूटने से हताश व निराश हैं। वह अमेरिका से पढ़े लिखे हैं। हवाई जहाज से चलते हैं। तबीयत बिगड़ने पर विश्वस्तरीय अस्पतालों में इलाज कराते हैं। वह झाड़-फूंक की बातें कर रहे हैं। उन्हें यदि इतना ही झाड़ फूंक पर विश्वास है तो पहले शिवपाल चाचा और अपर्णा यादव का झाड़ फूंक कराएं कि वह क्यों उनसे दूर हैं। सच्चाई यह है कि भूत तो अब अखिलेश को पकड़े है।
दूसरों को झाड़ फूंक की सलाह न दें। उन्होंने कहा है कि हमने तो अखिलेश से गांवों में लोगों के बीच चलकर उनकी दिक्कतें सनने और उनसे बातचीत की सलाह दी थी। पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक की बातें करते हैं तो उनके बीच जाना भी चाहिए। प्रदेश की जनता की समस्याओं पर उनसे बातें करने की सलाह दी थी।
बौखलाटह में हैं अखिलेश
दूसरी तरफ ओम प्रकाश राजभर के पुत्र व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने कहा है कि अखिलेश यादव अपने नवरत्नों द्वारा किए गए खेल को प्रदेश की जनता के सामने रखें। सुभासपा से गठबंधन टूटने के बाद सपा प्रमुख बौखलालट में हैं। पूर्वांचल में उनको कोई मजबूत साथी नहीं मिल रहा है। जिसकी वजह से उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है और वह ओम प्रकाश राजभर पर अनर्गल आरोप मढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओम प्रकाश राजभर हमेशा से दलित, आदिवासी और कमजोर तबके की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं और उन्हें आगे बढ़ाने का काम करते हैं। इस वर्ग के लोगों को विधायक बनाने का काम किया है। अखिलेश की बौखलाहट उनके चेहरे पर साफ झलक रही है। वह अपने ‘नवरत्नों द्वारा किए गए खेल को प्रदेश की जनता के सामने बता रहे हैं।