राजधानी में अगस्त महीने में मांझे से मौत की घटनाएं अक्सर बढ़ जाती हैं। अभी अगस्त शुरू होने में पांच दिन शेष ही हैं कि मुकरबा चौक के पास चीनी मांझे से गला कटने से एक कारोबारी की मौत हो गई। सोमवार रात हुए इस हादसे में मृत कारोबारी की पहचान 32 वर्षीय सुमित रंगा के तौर पर हुई है। मामले में मौर्या एन्क्लेव पुलिस ने लापरवाही से मौत की धारा में मुकदमा दर्ज किया है। बता दें कि चीनी मांझे पर रोक के बावजूद राजधानी में इसकी बेरोकटोक बिक्री जारी है। जानकारी के अनुसार, सुमित रंगा परिवार के साथ अवंतिका इलाके में रहते थे। परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी हैं। सुमित की बुराड़ी के पेप्सी रोड पर हार्डवेयर की दुकान है। वह सोमवार की रात को हमेशा की तरह दुकान बंद कर बाइक से घर के लिए रवाना हुए। वह अभी मुकरबा चौक से आगे फ्लाईओवर पर विप्स कॉलेज के सामने पहुंचे ही थे कि एक पतंग का मांझा उनके गले में लिपट गया। बाइक की रफ्तार अधिक होने से मांझे से सुमित गला कट गया और वह मौके पर ही गिर गए। राहगीरों ने तुरंत हादसे की सूचना कैट्स एंबुलेंस और पुलिस को दी। इसके बाद सुमित को सरोज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने घटना की सूचना सुमित के परिजनों को दी और पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को शव को उन्हें सौंप दिया।
ढाई इंच गहरा घाव जानलेवा बना
पोस्टमार्टम में डॉक्टरों ने सुमित के गले पर ढाई इंच गहरा घाव पाया। डॉक्टरों के अनुसार, मांझे की वजह से बना यह घाव जानलेवा साबित हुआ। घाव में पड़े शीशे और धातु के टुकड़ों को डॉक्टरों ने जमा किया है।
इकलौता बेटा, तीन साल पहले हुई थी शादी
सुमित के पिता राम कुमार डीडीए में उपनिदेशक थे। अवकाश ग्रहण करने के बाद राम कुमार पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रोहिणी सेक्टर-1 में रहते हैं। सुमित इकलौते बेटे थे। तीन साल पहले ही सुमित की शादी बड़ी धूमधाम से मनीषा से हुई थी। पूरा परिवार हंसी खुशी रह रहा था। जवान बेटे की मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया है। बुजुर्ग दंपति सदमे में हैं तो सुमित की मौत की सूचना से पत्नी की तबीयत खराब हो गई।
बहन इंतजार करती रही
रामकुमार ने बताया कि बेटी की शादी रोहिणी में हुई है। सावन के दौरान एक रस्म को निभाने के लिए सुमित को पत्नी के साथ सोमवार रात को बहन के घर जाना था। इसके लिए मनीषा तैयार थी, जबकि उधर बहन इंतजार कर रही थी। देर हुई तो परिवार के लोग सुमित को फोन करने लगे। करीब आठ बजे किसी ने फोन उठाया तो हादसे की जानकारी दी।
पूर्व में भी हुए हादसे
14 अगस्त 2021 : नजफगढ़ निवासी सौरभ दहिया बाइक से मंगोलपुरी फ्लाईओवर से उतर रहे थे। तभी पतंग का मांझा उनके गले में फंस गया और गला कटने से उनकी मौत हो गई।
25 अगस्त 2019 : सोनिया विहार निवासी पांच वर्षीय इशिता पिता के साथ बाइक पर आगे बैठी थी। खजूरी खास में मांझा बच्ची के गले में लिपट गया। गला कटने से उसकी मौत हो गई।
15 अगस्त 2019 : रक्षाबंधन के दिन सिविल इंजीनियर मानव शर्मा बाइक से बहन के घर से लौट रहे थे। पश्चिम विहार के पास गर्दन में पतंग का मांझा फंसने से मौके पर उनकी मौत हो गई।
12 जुलाई 2019 : बदरपुर फ्लाईओवर पर तीन साल की भतीजी को बाइक से ले जा रहे शख्स के गले में पतंग का मांझा फंस गया। इस घटना में तीन साल की दीप्ति फ्लाईओवर से नीचे गिर गई जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
एनजीटी ने बिक्री पर लगा रखी है रोक
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पीपल्स फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल (पेटा) की अर्जी पर जुलाई 2017 में जानलेवा चीनी मांझे की बिक्री पर देशभर में प्रतिबंध लगा दिया था। एनजीटी ने कहा था कि पतंग उड़ाना देश की परंपरा रही है लेकिन इस खतरनाक मांझे से लोग बुरी तरह घायल हो रहे हैं। इन हादसों को देखते हुए ही एनजीटी को इसमें दखल की जरूरत पड़ी।
एक लाख जुर्माना और पांच साल की सजा का प्रावधान
एनजीटी के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने 2017 में अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के अनुसार, चीनी मांझे की खरीद-फरोख्त करने, इसके भंडारण और इस्तेमाल करने पर अधिकतम पांच साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना, अथवा दोनों सजा हो सकती है। अधिसूचना में पतंग उड़ाने के लिए सिर्फ सूती धागे के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।
क्यों है जानलेवा
– सामान्य मांझे में सूत का धागा होता है, जबकि चीनी मांझा नायलॉन का होता है, जो टूटता नहीं।
– चीनी मांझे में कांच या लोहे के चूरे का पेस्ट लगाया जाता है, जो सूखने पर बेहद खतरनाक होता है।
– चीनी मांझे की धार ब्लेड जैसी होती है, जिसे सामान्य मांझे को काटना आसान होता है। लेकिन, इसके चलते हादसे भी हो जाते हैं।
– चीनी मांझा दोपहिया चालकों के लिए बेहद जानलेवा साबित होता है। तेज रफ्तार बाइक सवार की गर्दन से लगते ही उसे काट देता है।
– चीनी मांझा प्लास्टिक की तरह दिखाई देता है जो खींचने पर टूटने के बजाय बढ़ जाता है।
– चीनी मांझा एक तरह का इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है, जिससे करंट लगने का भी खतरा रहता है।