दिल्ली के लोगों को मॉनसूनी हवाओं ने साफ-सुथरी हवा का तोहफा दिया है। बीते सात साल में इस बार जुलाई की हवा में प्रदूषण का स्तर सबसे कम है। जुलाई में अबतक 20 दिन ऐसे रहे जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 के अंक से नीचे रहा।
दिल्ली के लोग भले ही अब भी बहुत अच्छी बारिश न होने और मौसम में उमस की शिकायत कर रहे हों, लेकिन प्रदूषण के स्तर पर मानसून ने बेहतर असर किया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक में 200 तक के अंक को साफ-सुथरा माना जाता है। इसमें 0 से 50 तक का अंक अच्छा, 51 से 100 तक का अंक संतोषजनक और 101 से लेकर 200 तक का अंक मध्यम हवा स्तर को प्रदर्शित करता है। इस बार 26 जून के बाद से अबतक एक दिन भी ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के अंक से ऊपर गया हो। दिल्ली के लोगों के लिए ऐसे मौके कम ही आते हैं।
26 दिन में एक दिन भी खराब हवा नहीं रही
वहीं, अगर बात करें जुलाई महीने की तो इस माह के अब तक बीते 26 दिनों में से 20 दिन ऐसे रहे हैं जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 से नीचे यानी संतोषजनक श्रेणी में रहा है। जबकि छह दिन यह सूचकांक 101 से ऊपर और 200 से नीचे यानी मध्यम श्रेणी में रहा है। हालांकि यह भी खतरनाक हो सकता है।
सामान्य से ज्यादा प्रदूषित थे चार महीने
दिल्ली में आमतौर पर प्रदूषण का स्तर सामान्य से ज्यादा रहता है। लेकिन, मार्च से लेकर सितंबर तक वायु गुणवत्ता का स्तर अपेक्षाकृत साफ रहता है। लेकिन, इस बार नियमित अंतराल पर पश्चिमी विक्षोभों के चलते मार्च, अप्रैल, मई और जून के महीने में सामान्य से ज्यादा प्रदूषण रहा था।
पूरे सप्ताह हल्की बारिश की संभावना
दिल्ली में सप्ताह भर तक हल्की बारिश और बूंदाबांदी का दौर बना रहेगा। मंगलवार को बादलों की आवाजाही बनी रही। कई हिस्सों में बूंदाबांदी भी हुई। इससे गर्मी से थोड़ी राहत मिली। गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार के दिन भी मध्यम बारिश होने के आसार बन रहे हैं।
20 दिन बेहतर रहे
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक वर्ष 2016 से लेकर अभी तक इस बार के जुलाई महीने में वायु गुणवत्ता का स्तर सबसे ज्यादा साफ-सुथरा रहा है। सात साल बाद साफ हवा हुई है। वर्ष 2016 से लेकर अभी तक पहली बार जुलाई महीने में 20 दिन वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में रही है। इससे पहले 2020 में 15 दिन संतोषजनक गुणवत्ता वाले रहे थे।