स्वरूप नगर इलाके में सोमवार सुबह तेज रफ्तार कार खड़ी क्लस्टर बस में भिड़ गई। इस घटना में तीन महिलाओं की मौत हो गई, जिसमें मां बेटी भी शामिल हैं। जबकि वाहन चालक और दो साल के मासूम की हालत अस्पताल में गंभीर बनी हुई है। जानकारी के अनुसार 62 वर्षीय जमुना देवी अपनी 26 वर्षीय बेटी ज्योति के साथ हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में स्थित पैतृक गांव गई हुई थीं। वह रविवार रात को अपनी बहन की बहू निशा और उसके दो साल के बेटे के साथ कार से दिल्ली के लिए रवाना हुईं।
जमुना देवी का भतीजा सुनील कार चला रहा था। सुबह करीब छह बजे नंगली पुना स्थित हाइवे पर तेज रफ्तार कार खड़ी बस में पीछे से भिड़ गई। बस मुखमेलपुर से आजादपुर जा रही थी और घटना के वक्त चालक बस से सवारी उतार रहा था। संभावना जताई जा रही है कि चालक को नींद की झपकी आ गई हो। इस कारण ही हादसा हुआ होगा। मौके पर मौजूद प्रत्यदर्शियों ने बताया कि कार की टक्कर इतनी जबरदस्त हुई थी की कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
दरवाजा काट निकाले शव
हादसे के बाद तुरंत मौके पर पुलिस एवं अन्य लोग इकट्ठा हुए और कार में फंसे लोगों को निकालने की कवायद शुरू हुई। चूंकि कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी इसलिए गैस कटर से कार काटकर सभी को निकाला गया और बाबू जगजीवन राम अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन जमुना देवी, ज्योति एवं निशा को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि निशा के बेटे एवं सुनील को फोर्टिस अस्पताल भेज दिया गया। फिलहाल दोनों की हालत गंभीर है। पुलिस ने लापरवाही की धारा में केस दर्ज किया है। साथ ही बस चालक जगवीर को हिरासत में ले लिया है।
जन्मदिन के दिन मौत की सूचना
जमुना देवी का बेटा प्रवीन लंदन में शेफ है। उसे भी सोमवार को हादसे की सूचना दी गई। शवगृह पर मौजूद परिजनों ने बताया कि प्रवीन का 25 जुलाई को जन्मदिन है। उसे लगा कि जन्मदिन की बधाई देने के लिए लोग फोन कर रहे हैं। लेकिन जन्मदिन के दिन उसे मां और बहन की मौत की खबर मिली। इस हादसे के बाद वह सदमे में है। फिलहाल दोनों पिता पुत्र बुधवार तक दिल्ली पहुंचेंगे जिसके बाद शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। रातभर की यात्रा के बाद संभावना जताई जा रही है कि चालक को नींद की झपकी आ गई हो। फिलहाल सुनील के होश में आने के बाद ही इसका पता चल पाएगा।
एक माह पहले मायके गई थी
गाजियाबाद निवासी विजय इस हादसे में अपनी पत्नी निशा को खो चुके हैं, जबकि दो साल का बेटा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। निशा एक माह पहले अपने मायके गई थी। जब जमुना देवी के दिल्ली आने का कार्यक्रम हुआ तो वह भी साथ में चलने के लिए तैयार हो गई। जब विजय को हादसे की खबर मिली तो तुरंत अस्पताल पहुंचे। पत्नी की मौत होने पर वह अपने बेटे को बचाने में जुट गए। खबर लिखे जाने तक बच्चे का फोर्टिस अस्पताल में इलाज चल रहा था। हमीरपुर में वेल्डिंग कारोबार से जुड़े सुनील की भी हालत गंभीर है। उसके परिवार में पत्नी एवं बेटा है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि देर रात को कार से परिवार रवाना हुआ था।
मां को हांगकांग ले जाने आई थी
जमुना देवी पति जगन्नाथ और बेटी ज्योति के साथ हांगकांग में रहती थीं। कुछ समय पहले जगन्नाथ ने कनाडा में कारोबार स्थापित कर लिया था। ज्योति का जन्म हांगकांग में हुआ था और वह स्कूल में टीचर थी। वह वर्ष 2020 के फरवरी में अपने गांव आईं थी। लेकिन कोविड होने की वजह से वह वापस नहीं जा सकीं। चूंकि इनका एक घर हरिनगर इलाके में है, इसलिए दिल्ली और हमीरपुर दो साल रही। अब ज्योति दो माह पहले ही दिल्ली आई थी। वह मां को साथ ले जाने की तैयारी में थी। इसलिए तीन अगस्त को हांगकांग का टिकट लिया था। परिवार तैयारी में था कि वह विदेश रवाना हो जाएंगे। लेकिन दोनों मां-बेटी हादसे का शिकार हो गईं।