अचानक इस्तीफा देकर खलबली मचाने वाले योगी सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक एक बार फिर चर्चा में हैं। गुरुवार को भले ही उनके इस्तीफे के एपिसोड का पटाक्षेप होने की बात कही जा रही है लेकिन लगता नहीं कि उनकी नाराजगी दूर हो गई है। शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित भूजल सप्ताह समापन समारोह में दिनेश खटीक नहीं पहुंचे। जबकि सीएम योगी और जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव के साथ उनका नाम भी समारोह के गेस्ट की सूची में था। इससे पहले गुरुवार की शाम सिंचाई विभाग की बैठक से भी दिनेश खटीक नदारद थे। इस बैठक में भी सीएम योगी, स्वतंत्रदेव सिंह और विभाग के आला अधिकारी शामिल हुए थे।
दिनेश खटीक यूं तो डेढ़ माह से कई मुद्दों पर अफसरों के प्रति नाराजगी जता रहे थे, लेकिन 19 जुलाई को वह अपने विभाग के अधिकारियों के बर्ताव से ज्यादा आहत हो गए। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया। तमाम आरोपों की फेहरिस्त के साथ उन्होंने अपना इस्तीफा राजभवन के साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भेज दिया था।
पत्र वायरल हुआ तो भाजपा नेतृत्व से नसीहत भी मिली। इसके बाद सीएम योगी के साथ उनकी बैठक हुई। योगी के साथ करीब एक घंटे की बैठक के बाद दिनेश ने कहा था कि पहले की तरह काम करते रहेंगे। इसके बाद भी उनका समारोह से गायब होना कई चर्चाओं को जन्म दे रहा है।
पत्र में लगाए थे बड़े आरोप
जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने सरकार की कार्यप्रणाली और विभिन्न विभागों में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी। पत्र में सरकार की कार्यप्रणाली और विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए थे।
उन्होंने पत्र में लिखा था कि ‘नमामि गंगे’ और ‘हर घर जल योजना’ में नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। उन्होंने लिखा था कि जल शक्ति विभाग में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों और अधिकारियों के स्थानांतरण में गड़बड़ी हुई। इसके बाद मैंने विभागाध्यक्ष से सूचना मांगी तो अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।