मुंबई में इसी साल फरवरी में एक कॉलेज गर्ल ने FIR दर्ज कराई थी कि उसके नंबर पर पॉर्न वीडियो भेजा जा रहा है। शिकायत में कहा गया कि उसकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में शामिल दूसरी लड़कियों के साथ भी ऐसा हो रहा है। आखिरकार पुलिस इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने में सफल हो गई है। पुलिसकर्मियों को इस शख्स को ढूंढ़ निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
आरोपी ने 550 से अधिक महिलाओं को इस तरह से ब्लैकमेल किया, जिसमें नाबालिग लड़कियां भी शामिल हैं। इसके लिए उसने 10 सेलफोन और 12 अलग-अलग सिम का इस्तेमाल किया। ये सिम उसने फेक डाक्यूमेंट्स के जरिए हासिल की थी। अंधेरी पुलिस ऑफिसर ने कहा, “उसने अश्लील वीडियो भेजने के लिए कई महिलाओं और नाबालिगों की कॉन्टैक्ट लिस्ट हासिल की। उसका इरादा उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करना था।”
बैंक में संविदा कर्मचारी के तौर पर काम कर रहा आरोपी
आरोपी की पहचान 30 वर्षीय रवि दांडू के तौर पर हुई है। वह एक निजी बैंक के तकनीकी विभाग में संविदा कर्मचारी है। रवि ने न केवल विले पार्ले कॉलेज की 17 वर्षीय छात्रा और उसकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में शामिल 35 अन्य छात्राओं को परेशान किया, बल्कि उन्हें ब्लैकमेल भी कर रहा था।
अधिकारी ने बताया, “उसने पीड़ितों के मॉर्फ्ड वीडियो भेजे और मांग रखी कि वे उसके साथ समय बिताएं। बुधवार को उसने मिलने के लिए एक लड़की को कॉल किया, जिसे वह ब्लैकमेल कर रहा था। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उसे सायन स्थित उसके घर से धर दबोचा। शिकायत दर्ज होने के बाद उसकी गिरफ्तारी में पांच महीने लग गए।”
बैंक डेटाबेस से हासिल किया मोबाइल नंबर
दांडू ने बैंक डेटाबेस से छात्रा की कॉन्टैक्ट लिस्ट हासिल की, जहां उसका सेविंग अकाउंट है। एफआईआर के मुताबिक, आरोपी ने व्हाट्सएप पर खुद को कॉलेज के प्रोफेसर के तौर पर अपना परिचय दिया। उसने दावा किया कि वह नोट्स शेयर करने के लिए छात्रों का ग्रुप बनाया है। इसके बाद उसने लड़की के मोबाइल पर भेजे गए वन-टाइम पासवर्ड की मांग, जिसे उसने बता दिया। इसके बाद वह उन्हें पॉर्न क्लिप्स भेजकर ब्लैकमेल करने लगा।