सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर को योगी सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा दे दी है। शासन के निर्देश पर गाजीपुर पुलिस की तरफ से सुरक्षा मुहैया करा दी गई है। सरकार के निर्णय से राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की अटकलें तेज हो गई हैं। राजभर को सपा प्रमुख अखिलेश यादव की मुखालफत और राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु का समर्थन करने का इनाम माना जा रहा है।
आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद से ओमप्रकाश राजभर सपा से खफा हैं। उनके निशाने पर सीधे अखिलेश यादव हैं। राजभर ने न सिर्फ अखिलेश यादव को नसीहत दी बल्कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को समर्थन न देकर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु के पक्ष में खड़े रहे। राजभर लगातार भाजपा के शीर्ष नेताओं के संपर्क में भी रहे। अमित शाह से मुलाकात की भी बात खुद उन्होंने कही। एक तरफ जहां राष्ट्रपति चुनाव का रिजल्ट घोषित हो रहा था तो दूसरी तरफ राजभर के लिए नई सुरक्षा का लेटर भी जारी हो गया।
गाजीपुर पुलिस की तरफ से सुरक्षा दी गई है। ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से विधायक हैं। गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे ने बताया कि इस संबंध में शासन का आदेश आया था। सुरक्षा देने के साथ ही शासन को अवगत करा दिया है। कहा कि शासन ने पिछले दिनों जहूराबाद विधायक ओमप्रकाश राजभर की सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट मांगी थी, इसके बाद सुरक्षा समिति ने समीक्षा की और शासन के आदेश पर पूर्व मंत्री ओपी राजभर को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है।