जिले के लहार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पर्रायच से रेत के अवैध उत्खनन की चौकाने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। एनजीटी की रोक के बावजूद रेत माफिया सिंध का सीना छलनी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें सिंध नदी में अचानक आई बाढ़ से एक दर्जन से ज्यादा रेत का अवैध उत्खनन करते ट्रक नदी में फंस गए और पानी के तेज उफान के कारण बहते नज़र आ रहे हैं। यह स्थित तब है जब नदी से रेत उत्खनन पर प्रशासन लगातार अवैध उत्खनन की बात को नकारता आ रहा है।
बता दें कि 30 जून से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश से नदियों से रेत उत्खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन भिंड जिले में रेत माफिया एनजीटी के आदेश को धता बताकर अवैध उत्खनन किए जा रहे हैं। जिसकी पोल भिंड में हुई अचानक बारिश ने खोल दी है। भिण्ड जिले की पर्रायच रेत खदान पर नदी की धार से रेत भहरा कर गिर गई। जिसमें एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियां पानी के तेज बहाव में फंस गईं। वहीं कुछ ट्रक चालक गाड़ी के अंदर फंस गए, जिन्हें बमुश्किल निकाला जा सका है और कुछ ड्राइवर द्वारा भागकर जान बचाई गई है।
हैरानी की बात तो यह है कि जब नदी से रेत उत्खनन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है तो दिन दहाड़े अवैध उत्खनन कैसे हो रहा है? और ज़िला प्रशासन या पुलिस को अवैध खनन और परिवहन करते इतने ट्रक आख़िर नज़र क्यूँ नही आरहे हैं? गौरतलब है कि भिंड ज़िले में हाल ही रेत खनन का टेंडर नई ठेका कम्पनी शिवा कॉर्प को मिला है, लेकिन काम शुरू होते ही वर्षाकाल के तहत नदी से रेत उत्खनन पर एनजीटी की रोक लागू हो गई।
जिसकी वजह से रेत कम्पनी को काम करने का मौक़ा नहीं मिला और माफिया ने इसका फ़ायदा उठाते हुए सिंध का दोहन शुरू कर दिया। पूर्व में साल 2019 में भी ठेका कम्पनी पॉवरमेक ने भी रेत माफिया और ज़िला प्रशासन की मिलीभगत के चलते हो रहे नुक़सान की वजह से रेत का ठेका सरेंडर किया था।
भिंड पुलिस और जिला प्रशासन की मिली भगत और अनदेखी अब सवालों के घेरे में है क्योंकि बड़ी तादाद में सिंध नदी की धारा में फंसी गाड़ियां अब तेज बहाव और पानी के कम होने का इंतजार कर रही हैं लेकिन मौके पर अभी तक पुलिस या प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा कार्रवाई के लिए नहीं पहुंचा है। वहीं अवैध खनन की वजह से फंसे ट्रकों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।