गाजियाबाद में दो दोस्तों ने एक युवक को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि उसने उनके साथ चोरी में शामिल होने से मना कर दिया। 22 साल के युवक को टीला मोड़ पर सोमवार रात गोली मारी गई थी। पीड़िता की मंगलवार शाम अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस के अनुसार आरोपी की पहचान अरमान बेग उर्फ अमन के तौर पर हुई है। मृतक टीला मोड़ स्थित गरिमा गार्डन मास्टर कॉलोनी का रहने वाला था।
अबतक पुलिस ने साहिबाबाद थाने में मृतक के खिलाफ तीन डकैती और एक आर्म्स एक्ट के तहत चार आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। टीला मोड़ पुलिस स्टेशन के एसएचओ भुवनेश कुमार ने कहा कि हमें सोमवार रात 10.30 बजे जानकारी मिली की एक युवक को उसके दो दोस्तों ने गोली मार दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस टीम तुरंत मौक पर पहुंची और पीड़ित को इलाज के लिए पास के अस्पताल पहुंचाया गया। कुछ समय बाद हमें पता चला कि बेग अपराधी है जो आरोपियों के साथ मिलकर राह चलते लोगों को लूटता है।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि बेग ने 2017 में अपराध की दुनिया में तब कदम रखा था, जब वो केवल 17 साल का था। 2019 में उसने अपनी गर्लफ्रेंड नेहा से शादी की। इसी साल जनवरी में उसे गाजियाबाद पुलिस ने डकैती के एक मामले में गिरफ्तार किया था। लेकिन बाद में वह जमानत पर बाहर आ गया। नेहा के अनुसार, तीन महीने पहले उसने एक बेटी को जन्म दिया। उसने बेग को बच्चे की कसम देकर अपराध की दुनिया छोड़ने को कहा।
नेहा ने कहा, ‘इसके बाद उसने एक पेंटर और मजदूर के रूप में काम करना शुरू कर दिया। उसने अपना फोन नंबर बदल लिया था ताकि अपराध जगत के उसके दोस्त उससे संपर्क न कर सकें। हमने साहिबाबाद से टीला मोड़ का घर भी बदल दिया।’ सोमवार रात 9 बजे उसके दो दोस्त बाइक से घर पहुंचे। वो छत पर गए जहां उन्होंने दारू पी। मेरे पति ने मुझसे दोस्तों के लिए खाना बनाने को कहा। मैंने उनके लिए मटन, रोटी और चावल बनाए।
मृतक की पत्नी ने आगे बताया कि छत पर खाना देने बाद मैं बेटी के पास वापस आ गई। कुछ देर बाद मुझे गोली चलने की आवाज सुनाई दी। जब मैं छत पर जा रही थी तो पति के दोस्तों को नीचे भागते हुए देखा। मैंने उनका पीछा किया और घर का दरवाजा बंद कर दिया। उनके बाइक पर जाने के बाद जब मैं छत पर गई तो पति को खून से लथपथ गिरा हुआ देखा। मंगलवार रात को पुलिस ने आरोपी मोहम्मद नईम और सुंदर चौधरी को गिरफ्तार कर लिया।
एसएचओ ने कहा, ‘पूछताछ के दौरान दोनों ने पुलिस को बताया कि पैसे को लेकर उन्होंने बेग को गोली मारी। बाद में मनोवैज्ञानिक को बुलाया गया। जिसे उन्होंने बताया कि बेग अपराध की योजना बनाने, छिनैती और डकैती में माहिर था। तीनों 2017 से झपटमारी और चोरी कर रहे थे। लेकिन अचानक मृतक ने गैंग को छोड़ दिया जिसकी वजह से वो उससे नाराज थे। उन्होंने बेग को झपटमारी के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन उसने मना कर दिया। इसी वजह से सुंदर ने उसे गोली मारते हुए कहा- 900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।’