यूपी के जलसंसाधन राज्यमंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे के बाद योगी सरकार पर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी हमला किया है। मायावती ने कहा कि यूपी मंत्रिमंडल में दलित मंत्री की उपेक्षा अति निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। मायावती से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मंत्री के इस्तीफे को लेकर योगी सरकार पर हमला करते हुए यह भी पूछ लिया कि अगली बारी किसकी है।
मंत्री दिनेश खटीक ने अमित शाह को भेजे पत्र में इस्तीफे का जिक्र करने से पहले खुद को दलित होने के कारण नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। मंत्री के इसी आरोप पर मायावती ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि उत्तर प्रदेश भाजपा मंत्रिमण्डल के भीतर भी दलित मंत्री की उपेक्षा अति-निन्दनीय व दुर्भाग्यपूर्ण। ऐसी खबरें राष्ट्रीय चर्चाओं में हैं। सरकार अपनी जातिवादी मानसिकता व दलितों के प्रति उपेक्षा, तिरस्कार, शोषण व अन्याय को त्याग कर उनकी सुरक्षा व सम्मान का ध्यान रखने का दायित्व निभाए।
बुलडोजर कभी-कभी उल्टा भी चलता है, अखिलेश का हमला
इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जहाँ मंत्री होने का सम्मान तो नहीं परंतु दलित होने का अपमान मिले… ऐसी भेदभावपूर्ण भाजपा सरकार से त्यागपत्र देना ही अपने समाज का मान रखने के लिए यथोचित उपाय है। साथ ही लिखा कि कभी-कभी बुलडोज़र उल्टा भी चलता है।
अखिलेश कहा कि उप्र भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार और कुशासन की क्रॉनॉलॉजी समझिए। पहले लोक निर्माण विभाग के मंत्रालय में विद्रोह। फिर स्वास्थ्य मंत्रालय में विद्रोह। अब जल शक्ति मंत्रालय में विद्रोह। जनता पूछ रही है, उप्र की भाजपा सरकार ईमानदारी से बताए… अब अगली बारी किसकी है?
मंत्री दिनेश खटीक की चिट्ठी वायरल
मंत्री दिनेश खटीक की अमित शाह को लिखी एक चिट्ठी वायरल हो रही है। इसमें दिनेश ने आरोप लगाया है कि ट्रांसफर में भ्रष्टाचार हुआ है। मैंने ट्रांसफर की सूची मांगी जिसकी अभी तक कोई सूचना नहीं दी गई। कई दिनों बाद विभागाध्यक्ष को फोन कर सूचना देने के लिए कहा गया। वह भी उपलब्ध नहीं कराया गया। प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग को इस संदर्भ में फोन करके सूचना देना चाहा तो उन्होंने बिना मेरी बात सुने फोन कट कर दिया और मेरा अपमान किया।
दिनेश ने कहा कि एक दलित मंत्री हूं इसलिए इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है। मुझे अभी तक कोई अधिकार नहीं दिया गया है। इसीलिए मेरे पत्र का जवाब नहीं दिया जाता है। मेरे द्वारा लिखे गए पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। इस विभाग में नमामि गंगे योजना के अंदर बहुत बड़ा भ्रष्टाचार फैला हुआ है जो ग्राउंड पर जाने पर पता चलता है। जब मैं कोई शिकायत भी किसी अधिकारी के विरुद्ध करता हूं तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती चाहे तो इसकी किसी एजेंसी से जांच कराई जा सकती है।