वाराणसी के नरिया में मां-बेटी की हत्या की गुत्थी सुलझाने शुक्रवार को खुद पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश मौके पर पहुंचे। कमिश्नर ने घटनास्थल के साथ ही आसपास के मकानों की छत पर चढ़कर दो घंटे तक छानबीन की। उनके साथ इस दौरान एक्सपर्ट टीम भी थी। इस बीच दोनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है। सिर में गहरी चोट मारकर हत्या की गई थी। मौके से पुलिस ने खून से सनी हथौड़ी भी बरामद की थी।
लंका थाना क्षेत्र के नरिया में प्राथमिक स्कूल के निकट मकान में बुधवार को कमरे में सुनीता पांडेय (58), लॉबी में बेटी दीपिका पांडेय (28) की लाश मिली थी। छोटे बेटे अंजनी पांडेय की सूचना पर लंका पुलिस पहुंची थी। तीन जुलाई को किसी समय मौत की आशंका है। बड़ा बेटा अखिलेश अधिवक्ता है, दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करता है। वह जानकारी मिलने के तीसरे दिन भी वाराणसी नहीं पहुंचा। पुलिस फिलहाल छोटे बेटे अंजनी पांडेय, मुहल्ले के तीन अन्य से पूछताछ कर चुकी है।
पहले मां फिर बेटी की हत्या हुई
पीएम रिपोर्ट के अनुसार सुनीता को पहले मारा गया। इसके बाद बेटी की हत्या हुई थी। बेटी को बेड से खींचकर गलियारे में मारा गया, क्योंकि दीपिका के हाथों में बेडशीट भी थी। आसपास लगे दो सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक की गई लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
बड़ा बेटा तीन दिन बाद भी दिल्ली से नहीं पहुंचा
मां बेटी के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद देर रात तक बड़े बेटे के नहीं पहुंचने पर संकटमोचन चौकी प्रभारी ने हरिश्चंद्र घाट पर मृतक के छोटे बेटे अंजनी से अंतिम संस्कार करवाया। घटना की जानकारी मिलने के 72 घण्टे बाद भी दिल्ली से बड़ा बेटा अखिलेश नहीं पहुंचा। गुरुवार की रात संकटमोचन चौकी प्रभारी के फोन करने पर अपना लोकेशन दिल्ली में बताया।
इसके बाद देर रात दो बजे उसका लोकेशन जांचने पर कन्नौज मिला। इसके बाद से उसका मोबाइल भी बन्द हो गया। बताया जाता है कि नवंबर में छोटे भाई से पुलिसकर्मियों से विवाद होने की सूचना पर बड़ा भाई पुलिस से झगड़ा करने के लिए दो घण्टे में विमान से घर पहुंच गया था। वहीं, बड़े बेटे की पत्नी फोन कर दाहसंस्कार की बातें पूछती रही।