दिल्ली के अलीपुर में शुक्रवार को निर्माणाधीन गोदाम की दीवार गिरने से 5 मजदूरों की मौत हो गई। दो मजदूरों की हालत गंभीर है जिनका इलाज चल रहा है। मृतकों में 35 साल के प्रमोद कुमार भी शामिल हैं। जो पिछले शनिवार को काम की तलाश में झारखंड से दिल्ली पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी और एक साल की बेटी भी राजधानी आई थी। शुक्रवार शाम उनकी पत्नी मीना देवी पति के शव के इंतजार में अस्पताल के मुर्दाघर में बैठी रो रही थी जबकि मासूम बेटी उनसे लिपटी हुई थी।
बिलखते हुए मीना कहती है, ‘हम शनिवार को दिल्ली पहुंचे और मेरे पति ने मंगलवार को निर्माण स्थल पर काम करना शुरू किया। मैं भी दूसरी जगह काम करने लगी। इस दौरान मैंने दीवार गिरने के बारे में सुना, तो मैं दौड़कर उस जगह पर आई और पता चला कि पति मलबे के नीचे दब गए हैं। वहां मौजूद लोगों ने मुझे बताया कि वह नींव के लिए ईंटें बिछा रहे थे, तभी उनपर दीवार गिर गई।’ वह पति के शव को घर वापस ले जाना चाहती हैं। उन्हें उम्मीद है कि अधिकारी उसकी मदद करेंगे क्योंकि उसके पास पैसे नहीं हैं।
इसी तरह की कहानी ऋषि पाल की है। दोनों ही परिवारों ने रोजी-रोटी कमाने वाले शख्स को खो दिया है। पाल उत्तर प्रदेश के बदायूं के रहने वाले थे और अपने गांव में काम किया करते थे। पहली बार ज्यादा पैसे कमाने के लिए वो गांव से दिल्ली पहुंचे थे। उनकी मां बदायूं से आईं जिन्हें शुरुआत में यह नहीं बताया गया कि उनके बेटे की मौत हो चुकी है। अस्पताल में शव दिखाने पर उन्हें पता चला कि उनके बेटे की हादसे में मौत हो गई है। पाल के रिश्तेदारों का कहना है कि उन्होंने उसकी पत्नी को उसकी मौत के बारे में नहीं बताया। वे शव को घर लेकर जाएंगे तब उसे पता चलेगा।
कुमार के रिश्तेदार सुरेंद्र ने कहा कि वह कई महीनों से दिल्ली में काम कर रहे हैं और उसे भी काम के लिए शहर बुलाया। सुरेंद्र ने कहा, ‘कुमार की तीन बहनें, पत्नी, चार बेटियां और माता-पिता हैं। उसकी दो बहनों की शादी हो चुकी है। एक ही होनी बाकी है। पहली दीवार का काम पूरा हो गया था और हम दूसरी की नींव रख रहे थे। पास में ही उत्खनन का काम चल रहा था कि अचानक दीवार गिर गई। कुमार मलबे में दब गया। हमने स्थानीय लोगों की मदद से उसे बाहर निकाला।’