जनसंख्या को लेकर सीएम योगी के बयान के बाद राजनीति गरमाई हुई है। अब बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी जनसंख्या कानून जैसे मामले को उठाने पर भाजपा पर निशाना साधा है। मायावती ने इसे लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया। मायावती ने कहा कि भाजपा के लोग विवादित मुद्दे खोजकर देश की वास्तविक समस्याओं से भाग रहे हैं। इससे देश का भला कैसे हो सकता है।
सीएम योगी ने विश्व जनसंख्या दिवस पर कहा था कि एक ही वर्ग की आबादी बढ़ने से अराजकता होगी। जनसंख्या का असंतुलन नहीं होना चाहिए। बुधवार को मायावती ने एक के बाद एक दो ट्वीट करते हुए लिखा कि ऐसे समय में जब आसमान छूती महंगाई, अति गरीबी व बढ़ती बेरोजगारी के अभिशाप से परिवारों का जीवन दुखी है और लोग त्रस्त व तनावपूर्ण है। लोग खुद अपनी जरूरतों को सीमित कर रहे हैं। ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण जैसे दीर्घकालीन विषय पर लोगों को उलझाना भाजपा की कौन सी समझदारी है?
मायावती ने काह कि जनसंख्या नियंत्रण दीर्घकालीन नीतिगत मुद्दा है। इसके लिए कानून से कहीं ज्यादा जागरुकता की जरूरत है। लेकिन भाजपा की सरकारें देश की वास्तविक प्राथमिकता पर समुचित ध्यान देने के बजाय भटकाऊ व विवादित मुद्दे चुन रही हैं। ऐसे में जनहित च देशहित का सही से कैसे भला संभव है? जनता दुखी व बेचैन है।
सीएम योगी के आबादी से अराजकता वाले बयान पर मायावती से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी निशाना साधा था। अखिलेश यहां तक कहा था कि अराजकता आबादी से नहीं, लोकतांत्रिक मूल्यों की बरबादी से उपजती है। अखिलेश के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी इसे लेकर भाजपा पर हमले किये हैं।
क्या कहा था सीएम योगी ने
सीएम योगी जनसंख्या दिवस पर सोमवार को कहा कि जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा होती है वहां जनसांख्यकीय असंतुलन चिंता का विषय बनता है। क्योंकि रिलिजियस डेमोग्राफी पर विपरीत असर पड़ता है तो एक समय के बाद वहां अव्यवस्था, अराजकता जन्म लेने लगती है। इसलिए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों से सभी मत मजहब, वर्ग, सम्प्रदाय पर एक समान रूप से जोड़ा जाना चाहिए।
सीएम योगी ने कहा था कि जब बात परिवार नियोजन की हो, जनसंख्या स्थिरीकरण की हो तो हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण के प्रयास सफलतापूर्वक जरूर हों, लेकिन कहीं भी जनसांख्यकीय असंतुलन की स्थिति न पैदा होने पाए। ऐसा न हो कि किसी एक वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड ज्यादा हो और जो मूल निवासी हों, उन पर जनसंख्या स्थिरीकरण की कोशिशों से, इंफोर्समेंट से और जागरुकता प्रयासों से उनकी आबादी को नियंत्रित कर दिया जाए।