बिहार के मुजफ्फरपुर में बॉयलर ब्लास्ट में 7 लोगों की मौत के बाद भी प्रशासनिक और पब्लिक दोनों स्तर पर जागरुकता और सजगता का आभाव है। अभी भी शहर के रिहायशी इलाकों में अवैध तरीके से बॉयलर वाले कारखाने चल रहे हैं। लंबे समय बाद कारखाना निरीक्षक ने शनिवार को शहर के रिहायशी इलाकों में चल रही फैक्ट्रियों की जांच की। उन्होंने आमगोला व पुरानी बाजार में दो फैक्ट्री की जांच-पड़ताल की। दोनों में अवैध तरीके से बॉयलर चलाया जा रहा था।
कारखाना निरीक्षक संजय कुमार के नेतृत्व में पटना से आयी टीम ने अपर अनुमंडल अधिकारी मनीषा के साथ दोनों फैक्ट्रियों पर छापेमारी की। इस दौरान सभी कागजात देखने के बाद अगले एक सप्ताह में दोनों फैक्ट्रियों को शहर से बाहर नहीं ले जाने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। टीम अगले सप्ताह भी शहरी क्षेत्र में चल रही फैक्ट्रियों की जांच करने के लिए छापेमारी करेगी। कारखाना निरीक्षक ने बताया कि दोनों फैक्ट्रियों में नियमों की अनदेखी कर अवैध तरीके से बॉयलर चलाया जा रहा था। दोनों फैक्ट्रियों को एक सप्ताह में शहर से बाहर ले जाने का आदेश दिया गया है। इसकी अनदेखी पर कार्रवाई की जाएगी।
पटना से आए कारखाना निरीक्षक के साथ अपर अनुमंडल अधिकारी ने पुलिस बल के साथ आमगोला में चल रही एक प्लास्टिक फैक्ट्री की जांच की। फैक्ट्री संचालक ने कारखाना निरीक्षक को इसके संचालन से संबंधित सभी कागजात दिखाए। हालांकि, शहरी क्षेत्र में फैक्ट्री नहीं चलाने की की हिदायत कारखाना निरीक्षक ने फैक्ट्री मालिक को दी। इसके बाद टीम ने पुरानी बाजार स्थित मदरसा लेन में चल रही चॉकलेट फैक्ट्री की जांच की। वहां के संचालक को भी टीम ने 10 दिनों का समय देते हुए फैक्ट्री को शहर से बाहर ले जाने का आदेश दिया।
बता दें कि गत वर्ष 26 दिसंबर को बेला इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक नूडल्स फैक्ट्री का बॉयलर फट गया था। इस कांड में 7 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस मौत के बॉयलर की जांच में पाया गया था कि एक्सपायरी के बाद भी बॉयलर चलाया जा रहा था। तब उद्योग विभाग और कारखाना निरीक्षक के कार्यकलाप पर सवाल उठाए गए थे। लेकिन उसके बाद भी शहरी और रिहायशी इलाकों में गैरकानूनी तरीके से फैक्ट्री चलाने का काम नहीं थमा।