बिहार में मॉनसूनी सीजन में वज्रपात से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। बीते 24 घंटे के भीतर राज्य में अलग-अलग जगहों पर ठनका गिरने से 6 लोगों की जान चली गई। सबसे ज्यादा नालंदा जिले में शुक्रवार को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई। बांका, जहानाबाद और बेतिया में भी एक-एक शख्स ने दम तोड़ दिया।
नालंदा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में शुक्रवार को वज्रपात का कहर देखने को मिला। दीनगर थाना इलाके के मजीतपुर गांव में 18 साल के युव की ठनका की चपेट में आने से जान चली गई। नालंदा थाना इलाके के भट्टबिगहा में भी 20 साल के युवक की मौत हुई। कूल गांव में झोपड़ी पर आकाशीय बिजली गिरने से एक शख्स की मौत हो गई। झोपड़ी में मौजूद तीन बकरियां भी झुलसकर मर गईं।
नालंदा रेलवे स्टेशन के पास भी वज्रपात हुआ, जिसकी चपेट में आने से एक भैंस की मौत हो गई। बेतिया के बैरिया प्रखंज के श्रीनगंर पुजहां में तेज बारिश के साथ एक किसान की मौत हो गई। यहां तीन मजदूर भी बुरी तरह झु लस गए। हादसे के वक्त सभी खेत में रोपाई का काम कर रहे थे।
इसी तरह जहानाबाद के भवानीचक गंगापुर गांव में एक महिला की ठनका की चपेट में आने से मौत हो गई। बांका में बाराहाट थाना इलाके के खड़ीहरा गांव में वज्रपात से एक बच्चे की जान चली गई और उसकी मां बुरी तरह झुलस गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वज्रपात से मारे गए सभी लोगों के परिजन के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। राज्य सरकार के द्वारा मृतकों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये की मुआवजा राशि जल्द दी जाएगी। बिहार में बीते एक महीने के भीतर ठनका की चपेट में आने से 100 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। लोगों से खराब मौसम के दौरान घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की जा रही है।