मध्य प्रदेश में नगर नियम और नगर पालिका के चुनाव की तैयारियां अपने चरम पर हैं। बीजेपी और कांग्रेस जोर-शोर से प्रचार में लगी हुई हैं। ऐसे में अब बागी नेताओं को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने कार्यवाही करना भी शुरू कर दिया है। प्रदेश के कई जिलों में बीजेपी और कांग्रेस ने बागी नेताओं को निष्कासित कर दिया है।
एमपी में नगरीय निकाय चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद बगावत कर चुनाव में खड़े हुए कार्यकर्ताओं को बीजेपी ने बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को इंदौर में ऐसे 22 बागियों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इंदौर नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के निर्देश पर बागियों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
इसी कड़ी में बुरहानपुर से 16 और शाहपुर नगर परिषद से तीन बागियों को संगठन ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। वहीं नगर पालिका शिवपुरी के चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे 18 बागी उम्मीदवारों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। बीजेपी ने प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के निर्देश पर यह अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
वहीं ग्वालियर जिले से कांग्रेस के 11 बागी प्रत्याशियों को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। ऐसे में दो बागियों ने पार्टी को समर्थन देने का लिखित में वादा किया है। ग्वालियर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र शर्मा ने कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशियों के खिलाफ नगर निगम चुनाव लड़ने वालों को 6 वर्ष के लिए निष्कासित किया।
जबलपुर जिला कांग्रेस कमेटी ने पार्टी से बागी होकर नगर पालिका परिषद का चुनाव लड़ने वाले 5 कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी से बगावत कर नगर पालिका परिषद सिहोरा के चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश निकाय चुनाव में नाम वापसी की तारीख 22 जून 2022 थी। कुछ जगह पर बागियों ने नाम वापस ले लिया था। वहीं, कुछ जगहों पर बागियों ने पार्टियों को बेदम कर दिया। ऐसे में बीजेपी-कांग्रेस उन्हें मनाने के साथ-साथ हार्ड एक्शन लेने की तैयारी में जुट गई थी। और अब बागी नेता और कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू की हैं।