महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से इस्तीफे और बीजेपी की ओर से नई सरकार के गठन की कवायद के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को कहा कि बागियों ने खुद अपना रास्ता चुना है और पार्टी की ओर से उनके बीजेपी से गठबंधन करने पर कोई बाधा उत्पन्न नहीं की जाएगी। इसके साथ-साथ राउत ने यह भी साफ कर दिया है कि नई सरकार में शिवसेना सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
शिवसेना के अधिकतर विधायकों के बगावत के बाद पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की ओर से बुधवार रात को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के एक दिन बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राउत ने यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि बागी नेताओं को शिवसेना से अलग होने के अपने फैसले पर अफसोस होगा।
राउत बोले- एकनाथ शिंदे कट्टर शिवसैनिक थे
राउत ने कहा, ‘आपको (बागी नेताओं को) इसके लिए अफसोस होगा। एकनाथ शिंदे (बागी विधायकों के नेता) कट्टर शिवसैनिक थे और कई सालों तक उन्होंने पाटी के लिए काम किया। चाहे वह (विधायक) गुलाबराव पाटिल, संदीपन भुमरे और अन्य (जिन्होंने शिंदे का पक्ष लिया) हो, उन्होंने पार्टी के लिए कार्य किया और उसके लिए संघर्ष किया… उन्होंने अपना रास्ता स्वयं चुना है।’ उन्होंने कहा, ‘हम उनके रास्ते में कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे। वे अपना गठबंधन (बीजेपी के साथ) कर सकते हैं। हम अपना काम करेंगे। अब रास्ते अलग हैं…हम सकारात्मक विपक्ष की तरह काम करेंगे।’
राउत बोले- विधायकों पर दबाव डालने वाले को जानते हैं
बीजेपी का नाम लिए बिना राउत ने कहा कि वह उन लोगों को जानते हैं जिन्होंने शिवसेना के विधायकों पर दबाव डाला और जिसकी वजह से पार्टी में विद्रोह सामने आई। उन्होंने कहा कि सभी को उद्धव नीत सरकार में भरोसा था…। फिर चाहे वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार हो या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सभी को उद्धव ठाकरे पर भरोसा था।