कानपुर सेंट्रल की जीआरपी ने बुधवार को ऐसे अंतर्राज्यीय चोरों के गैंग खुलासा किया है जो आधी रात को तब ट्रेनों में चढ़ते थे जब यात्री सो गए होते थे। मौका पाते ही जेवर, नगदी और मोबाइल गायब कर देते थे। इस गैंग के तीन सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं जिनके पास से लगभग 4 लाख के जेवर, 20 हजार नगदी और मोबाइल बरामद मिले हैं। गैंग ने पूछताछ में ट्रेनों में चोरी की 30 वारदातें कबूली हैं।
डिप्टी एसपी जीआरपी कमरुल हसन ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि ऐसे चोरों के बारे में पिछले कुछ दिनों से सुराग मिल रहे थे। उन सुरागों के जरिए चोरों तक पहुंचने के लिए टीमों का गठन किया गया था। जीआरपी इंस्पेक्टर राम कृष्ण द्विवेदी के नेतृत्व में टीम वारदातों के पहलुओं की पड़ताल भी कर रही थी। सब कुछ इस तरह से किया गया कि चोरों को जब पकड़ा जाए तो माल भी बरामद हो।
यात्रियों का माल चुराकर पूरे कर रहे थे शौक
पुलिस इंस्पेक्टर राम कृष्ण द्विवेदी ने बताया कि शौक गैंग का मास्टरमाइंड शकील है जो चमनगंज में किराए के मकान में रहा करता है। इसी तरह मो. कलीम गंगा बैराज के पास जबकि मोनू कोरी खलवा पुल के पास रहता था। इन तीनों से जब पूछताछ की गई तो बताया कि ये सभी यात्रियों का माल चुराकर अपने शौक पूरे कर रहे थे। बल्कि यूं कहें कि शौक पूरा करने के लिए ही चोरी किया करते थे। माल बेचकर नशा किया करते थे। यात्री जब सो जाया करते थे तो ये उनका पर्स, बैग या अटैची गायब कर देते थे। आगे ट्रेन से उतर जाते थे।