दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सौ करोड़ की जालसाजी करने वाले जालसाज प्रदीप पालीवाल को शाहदरा से गिरफ्तार किया है। आरोपी ग्रेनाइट पत्थर के खनन (माइनिंग) का ठेका दिलाने के नाम पर कई लोगों से करोड़ों रुपये ठग चुका है।
साथ ही एक बैंक को भी कर्ज लेकर 25 करोड़ रुपये की चपत चुगा चुका है। गिरफ्तार आरोपी प्रदीप पालीवाल के खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं। सीबीआई ने भी 2018 में एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने प्रदीप के साथी विनायक भट्ट को भी दबोचा है। ईओडब्ल्यू की ज्वाइंट कमिश्नर छाया शर्मा ने बताया कि शकुंतला नाम की महिला ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। शकुंतला के अनुसार, आरोपी ने उसे 20 करोड़ रुपये में एक जमीन बेची और बताया कि वहां ग्रेनाइट का खनन होता है, जिससे उसे 50 लाख रुपये महीना किराया मिलेगा।
जब पीड़िता मौके पर पहुंची तो पता चला कि वहां ग्रेनाइट की माइनिंग नहीं है। इसके बाद शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद से पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी थी।
11 कंपनियों का निदेशक
आरोपी ने 11वीं तक पढ़ाई की है। उसने 11 कंपनियां खोल रखी हैं, जिनका वह निदेशक है। सुल्तानपुर में आरोपी का अपना मॉल है। पुलिस से बचने के लिए वह परिवार से भी कम ही संपर्क करता था। अदालत ने इसे भगोड़ा घोषित कर रखा था।
इन कारणों से पकड़ना था मुश्किल
● आरोपी जिम्बाब्वे के सिमकार्ड का इस्तेमाल करता था, जिससे वह जल्दी ट्रेस न हो सके।
● आरोपी आठ विदेशी नंबर का इस्तेमाल कर रहा था। इन पर व्हाट्सएप, टेलीग्राम सक्रिय था।
● पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। इस कारण वह हवाईजहाज से सफर नहीं करता था।
● आरोपी अपनी कार का भी इस्तेमाल नहीं करता था। वह अक्सर रिश्तेदार के नाम पर पंजीकृत गाड़ी से चलता था।