हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने सोमवार को कहा कि सरकारी विभागों में कर्मचारियों की भर्ती के लिए छपने वाले पेपरों को लीक होने से बचाने के लिए देश को एक हाई सिक्योरिटी वाली सरकारी प्रिंटिंग प्रेस लगाने की जरूरत है।
डीजीपी संजय कुंडू ने शिमला में स्थित पुलिस मुख्यालय में मीडिया को बताया कि उन्होंने केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को करेंसी नोट छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस की तर्ज पर भर्ती परीक्षाओं के पेपर छापने के लिए हाई सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस स्थापित किए जाने की जरूरत बताई थी।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पेपर लीक की खबरों के बीच पुलिस कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा को छह मई को रद्द कर दिया था।
हिमाचल प्रदेश पुलिस बल में 1,334 कॉन्स्टेबलों की भर्ती के लिए इस साल 27 मार्च को एक परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 75,000 उम्मीदवारों ने फिजिकल टेस्ट पास करने के बाद भाग लिया था।
कुंडू ने कहा कि राज्य पुलिस ने अब तक हिमाचल प्रदेश पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करने में शामिल होने के आरोप में पश्चिम बंगाल, बिहार, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान सहित 10 राज्यों से 171 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान हिमाचल पुलिस को पता चला है कि पेपर लीक में शामिल अंतरराज्यीय गिरोह राजस्थान और जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों में आयोजित विभिन्न अन्य भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने के लिए भी जिम्मेदार था।
संजय कुंडू ने कहा कि अब तक गिरफ्तार लोगों में 25 लोग ऐसे थे जो अन्य राज्यों के विभिन्न अंतरराज्यीय गिरोहों से संबद्ध थे। इसके अलावा रेलवे में खंड अभियंता राजीव यादव को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए 171 लोगों में 116 उम्मीदवार, उनमें से नौ के पिता और हिमाचल प्रदेश के 21 एजेंट शामिल हैं। उनके तौर-तरीकों के बारे में डीजीपी ने कहा कि प्रिंटिंग प्रेस के कुछ कर्मचारी पेपर लीक गिरोह के सदस्य थे।