केन्द्र सरकार की ओर से सेना में भर्ती के लिए लाई गई नई ‘अग्निपथ योजना’ (Agnipath Scheme) के खिलाफ जारी विरोध अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। प्रदर्शनकारियों के साथ राजनीतिक दल भी खुलकर विरोध में उतर आए हैं। राजस्थान में सोमवार को ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ जहां कांग्रेस सभी विधानसभा क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन करेगी, वहीं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) जोधपुर में युवा हुंकार महारैली का आयोजन करेगी।
राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि इस योजना के खिलाफ राज्य की सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी नेता, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता सुबह दस बजे से दोपहर एक बजे तक धरना-प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान पार्टी प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार से अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग करेगी।
पार्टी सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि इस योजना के खिलाफ देशभर में बीस राजधानियों में पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर देश के सामने अपना पक्ष रखते हुए इसे वापस लेने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश के हर विधानसभा क्षेत्र में यह धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इसे लेकर पार्टी ने बड़ी तैयारियां की हैं।
उधर, रालोपा भी ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ जोधपुर मुख्यालय पर स्थित रावण चबूतरा मैदान में युवा हुंकार महारैली का आयोजन कर इस योजना को वापस लेने की मांग करेगी। रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल पिछले चार पांच दिनों से इस रैली को सफल बनाने के लिए विभिन्न जिलों में जाकर सबको अग्निपथ के खिलाफ खड़े होने की अपील की है।
‘अग्निपथ योजना’ युवाओं के साथ धोखा : डोटासरा
डोटासरा ने केन्द्र पर ‘अग्निपथ योजना’ लाकर युवाओं के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार सेना भर्ती के लिए फिजिकल, मेडिकल एवं लिखित परीक्षा पास कर नियुक्ति का इंतजार कर रहे युवाओं को भी अग्निपथ योजना में फिर से आवेदन करने का कह कर युवाओं के जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के सैनिक भारत की सुरक्षा के लिए सर्दी, गर्मी, बरसात की परवाह किए बगैर विपरीत परिस्थितियों में सीमाओं पर तैनात रहते हैं तथा अपने जीवन का बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटते हैं, ऐसे वीर युवाओं से ‘अग्निपथ योजना’ के नाम पर केन्द्र सरकार द्वारा धोखा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के अधीन विभागों में लाखों पद खाली पड़े हैं तथा सेना में दो लाख 55 हजार से अधिक पद खाली हैं, ऐसी परिस्थिति में 17 से 21 वर्ष के युवकों को ठेके पर ‘अग्निपथ योजना’ के नाम पर सेना में लेना तथा चार वर्ष बाद जो युवा मैरिट में नहीं आएंगे उन्हें वापस घर भेज दिया जाना युवाओं के साथ अन्याय है।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, चार साल की सेना भर्ती के लिए भी युवाओं को दो बार परीक्षा देनी होगी, पहले भर्ती के लिए और उसके बाद 25 प्रतिशत की भर्ती में शामिल होने के लिए सफल होना होगा जो कि युवाओं के साथ अन्याय और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है।