रेलवे में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले दो जालसाजों को गुरुवार की रात आठ बजे कैंट पुलिस ने रेलवे कार्मिक कार्यालय के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपियों में गोरखपुर का जितेंद्र कुमार त्रिपाठी रेलवे से रिटायर्ड है तो बलिया का रहने वाला अनिल कुमार सिंह रेलकर्मी है। पुलिस ने उनके कब्जे से फर्जी कूटरचित नियुक्ति पत्र, अनुमोदन पत्र, मेडिकल के पत्र व प्रोफार्मा बरामद किया है। ठगी के शिकार हुए तीनों युवक रेलवे में एसी कोच के अटेंडेंट हैं।
इंस्पेक्टर शशिभूषण राय ने बताया कि हरदोई जिले के तडियावां थाना क्षेत्र के अलीशाबाद निवासी रियासत अली, उनके दो मित्र दिनेश कुमार यादव निवासी अक्किलपुर थाना खैराबाद जिला सीतापुर और अनुज कुमार निवासी फर्दापुर थाना पिसावां जिला सीतापुर के साथ जितेन्द्र और अनिल ने नौकरी के नाम पर जालसाजी की है। पीड़ितों ने बताया कि ट्रेन में एसी कोच में वे अटेण्डेट का काम करते थे। 2019 के नवम्बर महीने में रियासत अली और अनुज कुमार गोरखपुर रेलवे स्टेशन से गोमती एक्सप्रेस लेकर लखीमपुर जा रहे थे। इसी दौरान एसी कोच में जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी निवासी बलुआ थाना चिलुआताल, गोरखपुर से उनकी मुलाकात हुई। जितेन्द्र ने बताया कि वह रेलवे में नौकरी करता। बातचीत में जितेन्द्र ने उन दोनों से पूछा कि तुम लोग इस नौकरी मे कितना कमा लेते हो। दोनों ने बताया कि उन्हें हाथ में 7-8 हजार रुपये मिल जाते हैं। जितेन्द्र ने कहा कि रेलवे में उसके परिचित साहब हैं, जो संविदा पर नौकरी लगवा देंगे। बाद में परमानेंट होने पर दो से ढाई लाख रुपये देने होंगे। झांसे में आए रियासत और अनुज को जितेन्द्र ने अपना मोबाइल नंम्बर दिया और यहीं से जालसाजी की शुरुआत हुई।
जनवरी 2021 में उनका एक मित्र दिनेश यादव भी जाल में फंस गया। तीनों की बातचीत जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी से रेलवे में संविदा पर भर्ती के सम्बन्ध में होने लगी। आरोप है कि जितेन्द्र कुमार उनसे कभी एक हजार तो कभी 2 हजार, कभी 3 हजार रुपये वसूलता रहता था। अक्तूबर 2021 में जितेन्द्र ने तीनों को एक ज्वाइनिंग लेटर दिया। उसके अनुसार 9 नवम्बर 2021 को लेटर में लिखे रेलवे स्टेशन पर कुल आठ लोगों की नियुक्ति हुई थी, जिसमें रियासत अली, अनुज तथा दिनेश का भी नाम था। बाद में जितेन्द्र ने फोन करके बताया कि वह लेटर निरस्त हो गया है। नवम्बर 2021 में उसने एक दूसरा लेटर दिया, जिसमें तीनों की पोस्टिंग सीतापुर रेलवे स्टेशन पर होना बताया गया था। दूसरा लेटर मिलने के बाद भी जब उनकी नौकरी नहीं लगी तो उन्होंने फिर जितेन्द्र से सम्पर्क किया। इस पर उसने कहा कि जैसे ही पोस्टिंग होगी, वह फोन करके बताएगा। जालसाजों ने 20 जून को तीनों को गोरखपुर बुलाया।
फोन कर 20 जून को गोरखपुर बुलाया
गत 10 जून को जितेन्द्र ने फोन करके बताया कि लेटर मिल गया है। 20 जून को रिपोर्ट करना है। उसने 16 जून को रियासत अली और अनुज गोरखपुर रेलवे स्टेशन बुलाया। रियासत अली और अनुज रेलवे स्टेशन के सामने मालकिन होटल के पास मिले, जहां जितेन्द्र के साथ एक और व्यक्ति था। जितेन्द्र ने उस व्यक्ति का परिचय कराते हुए बताया कि यही रेलवे के साहब हैं। उसका नाम अनिल सिंह बताया। उस व्यक्ति ने एक लेटर दिया, जिस पर रियासत अली और अनुज का नाम था। इस दौरान जितेन्द्र ने दिनेश यादव को भी फोन करके बताया कि तुम भी 20 जून को गोरखपुर आ जाना, एक ही दिन तीनों का मेडिकल करा दिया जाएगा।
नियुक्ति पत्र देखते ही पीड़ितों को फर्जीवाड़े पता चल गया
20 जून को रियासत अली, अनुज तथा दिनेश गोरखपुर पहुंचे। जितेन्द्र रेलवे स्टेशन पर मिला और बताया कि आज भारत बन्द है, इसलिए 21 जून मेडिकल होगा। उसी दौरान उसने अनिल कुमार सिंह हल्दीरामपुर, थाना उभांव, जिला बलिया का नम्बर भी दिया। बताया कि यदि मेरा मोबाइल न मिले तो इस नम्बर पर साहब से बात कर लेना। 21 जून को दिनेश ने जितेन्द्र को फोन मिलाया तो उसका नम्बर बन्द मिला। इसके बाद उसने अनिल के नम्बर पर फोन किया। अनिल ने बताया कि त्रिपाठी जी ही तुम्हारा मेडिकल रेलवे अस्पताल में कराएंगे, उसके बाद लेटर मिल जाएगा। उसी दिन 10 बजे जितेन्द्र त्रिपाठी का फोन और उसने मालकिन होटल पर बुलाया। लेटर देकर जितेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि तुम लोग सीपीओ आफिस पहुंचों मैं वहीं मिलता हूं।