देशभर में कोरोना महामारी के मामलों ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। कोरोना के मामले बढ़ने के बीच दिल्ली ने एहतियाती कदम उठाते हुए कोविड के किसी नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome sequencing) किए जाने की गति बढ़ा दी है।
अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा यहां साझा किए आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली में कोविड के 1,797 नए मामले सामने आए, जो करीब चार महीने में एक दिन की सर्वाधिक संख्या है। शुक्रवार को संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी, जबकि संक्रमण दर बढ़ कर 8.8 फीसदी हो गई।
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बाइलरी साइंसेज (आईलबीएस) में जीनोम सीक्वेंसिंग प्रयोगशाला है। उसके पास चार से पांच दिनों में 350 नमूनों का विश्लेषण करने की क्षमता है। संस्थान के ही एक डॉक्टर ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने बताया कि 2021 के अंत से पांच जून तक आईएलबीएस ने 5,000 से लेकर 6,000 नमूनों तक की जांच की गई है और उनमे से ज्यादातार में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि 25 से कम सीटी वैल्यू वाले नमूनों की ही जांच की जा सकती है।
एक सूत्र ने बताया कि हमने अब तक बीए.1 और बीए.2 तथा इसके सब-वैरिएंट का पता लगाया है, लेकिन कोई नया वैरिएंट नहीं पाया है। यह जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र में एक नया वैरिएंट पाया गया है। कुछ नमूनों के नतीजे अगले कुछ दिनों में आएंगे।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए हालात का जायजा लेने के लिए नियमित रूप से बैठकें कर रही है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल और आईएलबीएस को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जा रहे नमूनों की संख्या बढ़ी है, लेकिन 25 से कम सीटी वैल्यू वालों की ही सीक्वेंसिंग की जा सकती है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले 10 दिनों में दिल्ली में कोविड के मामले बढ़े हैं। राज्य में छह जून को 247 मामले सामने आए थे, जबकि 15 जून को 1300 मामले आए थे। कोविड के मामलों में वृद्धि के बीच, संक्रमण दर भी सात जून के 1.92 प्रतिशत से बढ़ कर 15 जून को 7.01 प्रतिशत और 17 जून को 8.18 प्रतिशत हो गई।