गौतमबुद्ध नगर में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित बकाया नहीं चुकाने वाले 24 बिल्डर की 153 संपत्तियों की ई-नीलामी जिला प्रशासन जल्द करवाएगा। जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि गुरुवार को तहसील दादरी व तहसील सदर की तरफ से नई सूची ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सौंपी गई है।
चौहान ने कहा कि इसमें शामिल संपत्ति का प्राधिकरण मूल्यांकन कराएगा। इसके बाद वेबसाइट पर अपलोड कर ई-नीलामी में आवेदन मांगे जाएंगे। आवेदन आने के बाद ई-नीलामी होगी। इन बिल्डर पर 100 करोड़ की आरसी बकाया है।
यह प्रक्रिया एक सप्ताह में शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि 24 बिल्डर की 153 संपत्तियों को पहले चरण में शामिल किया गया है। सबसे अधिक कॉसमॉस बिल्डर की 47, गायत्री हॉस्पिटेलिटी की 29 संपत्तियां है।
चौहान ने कहा कि एलीगेंट इंफ्राकॉन की तीन, इको ग्रीन बिल्टेक की दो, सुपर सिटी डेवलपर्स की तीन, रेडिकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर एंड हाउसिंग की चार, न्यूटेक प्रोमोटर एंड डेवलपर्स की दो, गायत्री हॉस्पिटेलिटी एंड रियलकॉन की 29, महागुन इंडिया की चार, मोर्फियस डेवलपर्स की छह, बुलंद रियलटर्स की पांच, इम्पीरिया स्ट्रक्चर्स की एक की संपत्ति को नीलाम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि रूद्र बिल्डवेल इंफ्रा की चार, होम एंड सोल इंफ्राटेक की नौ, केलटेक इंफ्रास्ट्रक्चर की सात, कॉसमॉस इंफ्रा एस्टेट की 47, जेएसएस बिल्डकॉन की आठ, रुद्र बिल्डवेल होम्स की चार, हैवीटेक इंफ्रास्ट्रक्चर, एसेंट बिल्डटेक और हैवे इंफ्रास्ट्रक्चर की एक-एक संपत्ति को ई-नीलाम किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) की तरफ से कई बिल्डर के खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन के पास करीब 600 करोड़ की आरसी लंबित हैं।
प्रशासन पैसा नहीं देने पर इन बिल्डर की संपत्ति को कुर्क कर रहा है। अभी तक करीब 400 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क किया जा चुका है। शासन से ई-नीलामी कराने का आदेश लागू होने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की थी।