सेना में शॉर्ट टर्म भर्ती को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार की नई योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ प्रदर्शन किया गया। ग्वालियर में प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर यातायात बाधित किया।
ग्वालियर में सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने गोला का मंदिर पर चक्काजाम किया और टायरों को आग लगाई। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने केन्द्र सरकार ने अग्निपथ योजना को रद्द करने की मांग की। मौके पर पुलिस और जिला प्रशासन के कई अधिकारी पहुंचे और समझाइश दी। वहीं बिड़ला नगर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने कुर्सी और अन्य सामान उखाड़ कर पटरियों पर फेंक दिया, जिसके बाद रेल यातायात बाधित हो गया।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
ग्वालियर में प्रदर्शन के दौरान पथराव के बाद ट्रेनों के कांच भी फोड़े गए, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सेना की नई भर्ती प्रक्रिया को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि ऐसी ‘टेंपरेरी अप्रोच’ से देश की सीमाओं की रक्षा कैसे होगी और ये अग्निपथ है या अग्निकुंड।
कमलनाथ का मोदी सरकार पर हमला
कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा कि देश की सुरक्षा शासन का पहला दायित्व है और इसमें सेना की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण और अग्रणी है। देश की सेवा और सुरक्षा के लिए भारत की सेना में भर्ती की पिछले 70 साल की व्यवस्था ये थी कि सैनिक रिटायरमेंट तक या 14 साल तक देश की सेवा और सुरक्षा करे, भरपूर वेतन और सम्मानजनक रोजगार पाए, फिर सुरक्षित भविष्य के साथ घर जाए।
अब सामने आ रही असली राष्ट्रभक्ति: कमलनाथ
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि रोजगार बढ़ाने के दिखावे की सेना भर्ती की नई व्यवस्था ये है कि केवल चार साल अल्प वेतन देने वाली ‘शॉर्ट टर्म’ सैनिक भर्ती की जाए और फिर घर जाइए। अब क्या ऐसी ‘टेंपरेरी अप्रोच’ से भारत की रक्षा होगी। उन्होंने आरोपात्मक लहजे में कहा कि अब असली राष्ट्रभक्ति सामने आ रही है। यह अग्निपथ है या अग्निकुंड? आपको बता दें कि केन्द्र सरकार की इस योजना के तहत सेना, नौसेना और वायु सेना में अल्पकालिक अनुबंध के आधार पर भर्ती की जाएगी।