पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य तानाशाह रहे परवेज मुशर्रफ की तबीयत बेहद खराब है। उनके परिवार वालों ने जानकारी दी है वह एमाइलॉयडोसिस बीमारी के कारण पिछले तीन हफ्ते से हॉस्पिटल में भर्ती हैं। उनका वापस से ठीक हो पाना मुश्किल है क्योंकि उनके अंग खराब हो रहे हैं।
मुशर्रफ को मिल थी सजा-ए-मौत
इस्लामाबाद की विशेष कोर्ट ने जनरल परवेज मुशर्रफ को दिसंबर 2019 में मौत की सजा सुनाई थी। उन पर संविधान को ताक पर रखकर साल 2007 में इमरजेंसी लगाने के लिए राष्ट्रद्रोह का आरोप लगा था। बता दें कि मुशर्रफ ने देश में इमरजेंसी लगाकर संविधान को निलंबित कर दिया था। हालांकि बाद में लाहौर हाई कोर्ट द्वारा मौत की सजा को रद्द कर दिया गया था।
1999 में हथिया लिया था सत्ता
मुशर्रफ ने अक्टूबर 1999 में सैन्य विद्रोह कर पाकिस्तान की सत्ता हथिया ली थी। जून 2001 में सैन्य प्रमुख रहते हुए उन्होंने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। इसके बाद अप्रैल 2002 में विवादास्पद जनमत संग्रह करवा कर वह अगले पांच साल तक के लिए राष्ट्रपति बन गए थे। 2007 में वह एक बार फिर राष्ट्रपति बन गए लेकिन अबकी इसे पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। बढ़ते दबाव के कारण अगस्त 2008 में मुशर्रफ ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था।
2017 में फिर पाकिस्तान से भागे मुशर्रफ
राष्ट्रपति पद से हटने के बाद वह लंदन में निर्वासन की जिंदगी जीने लगे। 2013 में वह वापस पाकिस्तान लौटे और आम चुनाव में भाग लेना चाहा लेकिन उन पर कई आरोप थे। ऐसे में कोर्ट ने अरेस्ट वारंट भेजने शुरू किए और वह चुनाव नहीं लड़ सके। 2013 में नवाज शरीफ सत्ता में आए तो उन्होंने मुशर्रफ पर कई गंभीर आरोप लगाए। इसमें देशद्रोह के आरोप भी थे। नवाज शरीफ के सत्ता से जाने के बाद भी मुशर्रफ पर मुकदमा चलता रहा था। इसी साल दुबई जाने के बाद अदालत ने उन्हें फरार घोषित किया था।
कारगिल में हारे मुशर्रफ
1999 में मुशर्रफ के नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना के भारत के कारगिल क्षेत्र में हमला कर दिया। करीब तीन महीने तक चले इस युद्ध में पाकिस्तान की बुरी तरह से हार हुई और पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा था। इस युद्ध में हजारों पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। भारत के 527 सैनिकों की मौत हो गई थी। 2013 में मुशर्रफ के करीबी सहयोगी रहे रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल शाहिद अजीज ने एक टीवी चैनल पर कहा था कि कारगिल ऑपरेशन भारत की खुफिया विफलता थी और पाकिस्तान का गलत मूव था।