शाम 7 बजे से पहले हेल्दी डाइट खाने से आपको स्नैक्स खाने की क्रेविंग नहीं होती है। इसके अलावा आपको नींद भी अच्छी आती है। इस एक हेल्थ जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब भी कोई व्यक्ति किसी चीज के लिए तरसता यानी उसे क्रेविंग होती है, तो उसका शरीर उसे एक संकेत देता है, जो उसके शरीर में कुछ कमियों का नतीजा हो सकती है। जैसे, स्ट्रेस होने पर शरीर में हैप्पी हार्मोंस रिलीज नहीं होते, जिसकी वजह से मीठा खाने की क्रेविंग होती है क्योंकि मीठा खाने से हैप्पी हार्मोंस रिलीज होते हैं। आप अगर वेट लॉस करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले शुगर क्रेविंग को शांत करना होगा। आज हम आपको ऐसी ही आदतें बता रहे हैं, जो आपकी वेट लॉस जर्नी में किसी विलेन से कम नहीं है।
शुगर क्रेविंग
शुगर प्रोसेस्ड फूड ‘फील-गुड’ न्यूरोकेमिकल डोपामाइन रिलीज करने को ट्रिगर करते हैं। ज्यादा डोपामाइन का मतलब आपको ज्यादा शुगर क्रेविंग हो सकती है। स्ट्रेस, नींद की कमी, पीरियड्स क्रपिंग और डायबिटीज शुगर क्रेविंग के कारण हो सकते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज के अनुसार, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कभी-कभी मीठी चीजें खाना ठीक है लेकिन हर दिन मीठा खाना हानिकारक है। मिठाइयों को ज्यादा खाने से कई बार डिहाइड्रेशन भी हो जाता है क्योंकि इसे खाने से बार-बार प्यार लगती है लेकिन लोग पानी बार-बार नहीं पीते, जिससे शुगर की मात्रा शरीर में काफी बढ़ जाती है।
स्ट्रेस इटिंग
काम के तनाव, फाइनेंंशिल प्रॉब्लम्स, रिलेशनशिप या दूसरी इमोशनल प्रॉब्लम्स के चलते कई लोगों को स्ट्रेस में ज्यादा खाने की आदत बढ़ जाती है। अलग-अलग अध्ययनों के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्ट्रेस इटिंग आम बात है। स्ट्रेस को दूर करने के लिए लोग आइसक्रीम, कुकीज़, चॉकलेट, चिप्स, फ्रेंच फ्राइज़ और पिज्जा जैसे स्नैक्स को सबसे ज्यादा खाते हैं, जिनकी वजह से वजन बढ़ जाता है।
बेपरवाही से खाना
जब किसी व्यक्ति का दिमाग फोकस नहीं होता, तो उसे इस बात की जानकारी नहीं होती है कि वह क्या और कितना खाना खा रहा है। यह केवल भूख के बिना खा रहा है, ऊब को दूर करने के लिए और जब मन टेलीविजन, बातचीत और दूसरी चीजों में ध्यान देते हुए खाता है, तो लोग ज्यादा खा लेते हैं।
ज्यादा खाना प्लेट में भरना
कई लोग प्लेट में ज्यादा खाना भर लेते हैं। जिसकी वजह से इसे खत्म करने के लिए लोग ज्यादा खा लेते हैं। ज्यादा मात्रा में भोजन करने से शरीर की चर्बी बढ़ती है। इससे डाइजेशन भी हमेशा खराब ही रहता है।