राज्यसभा और विधान परिषद के लिए न भेजे जाने को लेकर सपा गठबंधन में बगावत के सुर फूटने लगे हैँ। एमएलसी के लिए न चुने जाने से नाराज महान दल और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी की सपा से राहें जुदा होती नजर आ रही हैं। दोनों पार्टियों के नेताओं ने अखिलेश यादव ने जमकर हमला बोला है, तो वहीं वरिष्ठ नेता रेवती रमण ने भी अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोला है।
महानदल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने अखिलेश पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने जयंत को राज्यसभा भेजने के सवाल पर कहा, अगर उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है तो मुझे एमएलसी के लिए क्यों नहीं? उन्होंने कहा, पिछले दिनों बदायूं में दो रैलियां की गई थीं लेकिन मुझे एक भी रैली में नहीं बुलाया गया।
उन्होंने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा, जयंत जी को सम्मान मिला, उनसे रैली भी कराई गई। सपा को मेरे कारण से सभी सीटों पर फायदा मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा गठबंधन ने मुझे शुरू से ही अलग रखा है। वहीं जनवादी सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष संजय चौहान भी अखिलेश से नाराज नजर दिखे। उन्होंने भी विधान परिषद न भेजे जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की।
स्वामी प्रसाद मौर्य समेत सपा के चार प्रत्याशियों ने किया नामांकन
विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के चार प्रत्याशियों ने बुधवार को विधानभवन में नामांकन किया। इनमें पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, शाहनवाज आलम, जासमीन अंसारी और मुकुल यादव ने सपा की ओर से नामांकन किया। स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए थे। विधानसभा चुनाव में करारी हार मिलने के बाद सपा ने उन्हें विधान परिषद के लिए चुना था। इसके अलावा सपा ने अल्पसंख्यक वर्ग से सहारनपुर के शाहनवाज खान और सीतापुर के जासमीर अंसारी को भी विधानसभा के लिए चुना है। दोनों नेता आजम खां के करीबी माने जाते हैं। पर दोनों में शाहनवाज खान का पड़ला ज्यादा भारी है।