दक्षिणी दिल्ली के कैलाश कॉलोनी स्थित एक कैफे एवं बार में हुए हंगामें में द्वारका के डीसीपी शंकर चौधरी की कथित संलिप्तता के कुछ दिनों बाद मंगलवार को उनका तबादला कर दिया गया। उनका पुलिस प्रौद्योगिकी एवं क्रियान्वयन विभाग में ट्रांसफर किया गया है।
दिल्ली पुलिस की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, शंकर चौधरी को द्वारका जिले से हटाकर पुलिस प्रौद्योगिकी एवं क्रियान्वयन विभाग का पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) बनाया गया है।
अतिरिक्त डीसीपी (दक्षिण) एम. हर्षवर्धन अब द्वारका के नए पुलिस उपायुक्त बनाए गए हैं। शुक्रवार की रात कैफे-सह-बार में एक निजी जन्मदिन पार्टी के दौरान टूटे शीशे से एक महिला के सिर में चोट लग गई थी। सामान्य डायरी प्रविष्टि (जीडी एंट्री) के अनुसार, महिला के पति ने पुलिस को फोन किया और डीसीपी की संलिप्तता का आरोप लगाया था।
महिला ने बाद में दावा किया कि गलतफहमी के कारण अधिकारी का नाम इस मामले में आ गया। महिला ने एक वीडियो में कहा कि यह व्यक्तिगत मामला था और इसे सुलझा लिया गया है।
इसके पहले ग्रेटर कैलाश थाने को सूचना दी गई थी कि दिल्ली पुलिस के डीसीपी रैंक के एक अधिकारी ने कैलाश कॉलोनी के एक क्लब में जन्मदिन पार्टी के दौरान एक महिला के साथ मारपीट की, लेकिन पुलिस ने बाद में कहा कि एक गलत जानकारी के कारण डीसीपी का नाम इस मामले में शामिल हो गया। हालांकि, अब मामला सुलझा लिया गया है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने शनिवार को शंकर चौधरी को उनकी मौजूदा तैनाती से हटाने का आदेश देते हुए अगले आदेश के लिए पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था।
पुलिस ने कैफे-सह-बार के खिलाफ कथित तौर पर रात एक बजे तक की तय समय सीमा से अधिक समय तक खोले रखने के लिए मामला दर्ज किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शनिवार को ग्रेटर कैलाश पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) के तहत बार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।