दिल्ली के हौजखास थाना पुलिस के सामने किडनी रैकेट के गिरफ्तार आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि दसवीं पास कुलदीप किडनी प्रत्यारोपण करता था। पुलिस अभी तक ऐसे चार लोगों तक पहुंची चुकी है, जिनकी सर्जरी कर कुलदीप ने किडनी निकाली थी। पुलिस अन्य पीड़ितों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
पुलिस की पूछताछ में आरोपी कुलदीप ने बताया कि दसवीं के बाद उसने ओटी टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया था और फिर 20 वर्षों तक उसने दर्जनों अस्पतालों में काम किया। इस दौरान डॉक्टरों को ऑपरेशन करते हुए देखकर उसने सर्जरी करनी सीखी थी। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि गुहाना में बनाई ओटी में वह किडनी प्रत्यारोपण करता था। यहां गैंग ने 12 कमरों का चार मंजिला भवन किराए पर ले रखा था। इसमें गैंग अपना अस्पताल चला रहा था। फिलहाल, पुलिस ने इमारत सील कर दी है।
पुलिस का कहना है कि अभी तक की जांच में पांच करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रांजैक्शन सामने आया है। जांच अभी जारी है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि आगे जांच के दौरान किडनी लेने व देने वाले लोगों के बड़ी संख्या में सामने आने की संभावना है।
डॉक्टरों को डांट देता था
पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने दावा किया कि उसे यूरोलॉजी और किडनी संबंधी काफी जानकारी है। इसके चलते वह गैंग में शामिल डॉक्टरों को भी ऑपरेशन के दौरान गलती होने पर डांट देता था। आरोपी के अनुसार, उसे किसी सर्जन से कम जानकारी नहीं तो वह टेक्नीशियन बनकर क्यों काम करे। इसीलिए गैंग में वह कुछ और न कर डॉक्टरों की तरह खुद भी किडनी प्रत्यारोपण का काम करता था।
इस तरह ढूंढ़ते थे डोनर
आरोपी कुलदीप ने खुलासा किया कि वह गुरुद्वारा, अस्पतालों के रैनबसेरे और धर्मशालाओं में ठहरे गरीब व जरूरतमंद लोगों तक पहुंचता था और उन्हें लालच देकर अपना एजेंट बना लेता था। इन एजेंट का काम किडनी डोनर ढूंढ़कर देना होता था।
एजेंट करते थे डोनर की व्यवस्था
एक डोनर की एवज में कुलदीप एजेंट को 50 हजार से 5 लाख रुपये तक कमीशन देता था। इसके चलते उसके एजेंट की संख्या बढ़ती चली गई और अब उसे डोनर ढूंढ़ने के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ती थी। गैंग किडनी डोनर को तीन से पांच लाख रुपये तक देता था।
गोहाना में करते थे ऑपरेशन
पुलिस के अनुसार, किडनी के जरूरतमंद और डोनर की व्यवस्था होने के बाद गैंग उन्हें गुहाना में बुलाता था। यहां गैंग ने अपना ऑपरेशन थिएटर बना रखा था। कभी गैंग में शामिल डॉक्टर तो कभी खुद आरोपी कुलदीप ऑपरेशन कर किडनी प्रत्यारोपित करता था।
चार प्रदेशों के पीड़ितों का पता चला
पुलिस अब तक चार पीड़ितों तक पहुंची है, जिनके ऑपरेशन कर कुलदीप ने किडनी निकाली थी। ये पीड़ति गुजरात, केरल, असम और झारखंड के रहने वाले हैं।
जरूरतमंदों को देता था झांसा
आरोपी कुलदीप अब तक कई अस्पतालों में काम कर चुका है। इसके चलते उसकी अस्पतालों में जान-पहचान है। अस्पतालों में काम कर रहे परिचितों की मदद से आरोपी उन लोगों तक पहुंच बनाता था, जिन्हें किडनी की जरूरत होती थी। इसके बाद उनसे संपर्क कर सौदा तय करता था। आरोपी 40 से 70 लाख रुपये तक लेकर किडनी का इंतजाम कराने की बात कहता था।