इंदौर के भंवरकुआं इलाके में लगी भीषण आग ने तीन कोचिंग सेंटर्स को अपनी चपेट में ले लिया। आग शुक्रवार सुबह 6 बजे लगी थी, जो कैफे से शुरू होकर तीनों सेंटरों में फैल गई। बड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। गनीमत की बात यह रही कि आगजनी की घटना के वक्त कोचिंग में छात्र मौजूद नहीं थे। अन्यथा किसी बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।
सबसे पहले कैफे में लगी आग
दरअसल, सुबह फायर ब्रिगेड कंट्रोल रूम को आग लगने की सूचना मिली थी। आग पर काबू करने के लिए तुरंत ही दमकल गाड़ियां मौके पहुंच गई थीं। बताया जाता है कि आग सबसे पहले कैफे में लगी इसके बाद कोचिंग सेंटर की लाइब्रेरी तक आग फैल गई। इसके चलते लाइब्रेरी में रखी सभी किताबें जलकर खाक हो गईं। इसके बाद आग कोचिंग संस्थानों के भीतर तक पहुंच गई। आग की वजह से कोचिंग क्लासेस में रखा फर्नीचर पूरी तरह से जलकर खाक हो गया है। आग विष्णु कोचिंग क्लासेस और आग्नेय इंस्ट्यूट में लगी थी।
किताबें जलकर खाक
आग की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान छात्रों की किताबों को हुआ है। क्योंकि आग ने सबसे ज्यादा असर कोचिंग क्लासेस की लाइब्रेरी पर डाला। यहां करीब 1 हजार से ज्यादा किताबें रखी हुई थीं। किताबों से फैली आग ने कोचिंग क्लासेज को भी अपनी चपेट में ले लिया। हालांकि, आग पूरी इमारत में फैलती उसके पहले ही काबू कर लिया गया।
भंवरकुआं है कोचिंग हब
भवरकुआं इलाका इंदौर में कोचिंग संस्थानों का हब है। यहां एक ही इमारत में कई कोचिंग संस्थाएं संचालित होती हैं। लेकिन यहां फायर सेफ्टी को लेकर हमेशा सवाल खड़े होते रहते है। सूरत में साल 2019 में कोचिंग संस्थान में हुई बड़ी आगजनी की घटना के बाद इंदौर में भी कोचिंग क्लासेस का फायर सेफ्टी ऑडिट किया गया था। इसमें कई कोचिंग संस्थानों में मापदंड के मुताबिक फायर सेफ्टी इक्विपमेंट्स मौजूद नहीं थे। कार्रवाई का असर कुछ दिनों तक नजर आया था, लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।