कांग्रेस पार्टी में एंट्री को लेकर बात नहीं बनने के बाद साइड हो चुके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा था कि चिंतन शिविर से कांग्रेस का भला नहीं होने वाला। इत्तेफाक देखिए, उदयपुर में चिंतन शिविर संपन्न हुए अभी कुछ ही वक्त हुआ है और हिमाचल में पीके की बातें सही भी साबित होने लगी हैं। कांग्रेस हाईकमान के फरमान राज्य स्तरीय चिंतन शिविर से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने पल्ला झाड़ दिया और अभी तक चिंतन शिविर को लेकर कोई फैसला फाइनल नहीं किया है। यहां ये मामला अभी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी साल के आखिर में चुनाव होने हैं और कांग्रेस हाईकमान प्रदेश में पार्टी की जमीनी हकीकत से रूबरू होना चाहती है।
राजस्थान के उदयपुर में चिंतन शिविर के दौरान कांग्रेस हाईकमान ने फरमान सुनाया था कि सभी राज्यों में पार्टी के राज्य स्तरीय चिंतन शिविर आयोजित होंगे। ऑल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी का फैसला है कि आगामी 1 और 2 जून को सभी प्रदेशों में राज्य स्तरीय चिंतन शिविर आयोजित हों। इसमें उयदपुर चिंतन शिविर में लिए गए फैसले और घोषणाओं के क्रियांवयन और राज्य स्तरीय कार्यक्रमों पर चर्चा शामिल है। आदेश के मुताबिक, राज्य स्तरीय चिंतन शिविर में राज्य कार्यकारिणी के अलावा प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी, कांग्रेस विधायक और जिला अध्यक्षों की उपस्थिति जरूरी है।
हिमाचल कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला
उधर, एआईसीसी के फैसले से उलट हिमाचल पीसीसी चीफ प्रतिभा सिंह ने एक और दो जून को जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के साथ बैठक सुनिश्चित की है लेकिन, राज्य स्तरीय चिंतन शिविर आयोजित होगी या नहीं इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्ताधारी भाजपा चुनाव में बंपर जीत को लेकर आश्वस्त है उधर, कांग्रेस उपचुनाव में मिली शानदार जीत के बाद भाजपा को पटखनी देने का दावा कर रही है। जबकि तीसरे मोर्चे के रूप में आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।