दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट की स्पेशल सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार दिए गए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला को 4 साल कैद की सुजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने चौटाला पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने चौटाला की चार संपतियों को जब्त करने के भी निर्देश दिए हैं।
राऊज एवेन्यू कोर्ट स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढल की अदालत ने फैसला सुनाए जाने के समय कोर्ट रूम में मौजूद रहे ओम प्रकाश चौटाला को तुरंत हिरासत में लेने का निर्देश दिया। इससे पहले पिछले सप्ताह अदालत ने चौटाला को दोषी ठहराया था। अदालत ने जुर्माने की रकम में से पांच लाख रुपये सीबीआई को मुकदमा खर्च के तौर पर देने को कहा है। वहीं, चौटाला की तरफ से इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करने के लिए दस दिन का समय मांगा गया। अदालत ने उन्हें राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में इस बाबत अपील दायर करें।
चार अचल संपति भी जब्त करने के आदेश
अदालत ने अपने फैसले में सीबीआई को निर्देश दिया है कि गलत तरीके से अर्जित की गई चौटाला की हेली रोड, पंचकूला, गुरुग्राम व असोला की अचल संपति को जब्त कर लिया जाए। यह सभी अचल संपति सरकारी संपति खाते में जाएंगी। इसके अलावा चौटाला पर लगाया गया जुर्माना भी राजस्व में जमा होगा।
क्या था मामला
सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, आरोपी ओम प्रकाश चौटाला ने 24 जुलाई, 1999 से 5 मार्च, 2005 की अवधि के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते हुए अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों की मिलीभगत से चल और अचल संपत्ति जमा की, जोकि उनकी आय के ज्ञात वैध स्रोतों से बहुत अधिक थी। जांच के दौरान चौटाला व उनके परिवार के नाम पर एक हजार 467 करोड़ रुपये की संपति पाई गई।
अभियोजन के मुताबिक, आरोपियों ने भारी संपत्ति जमा की और पूरे देश में हजारों एकड़ जमीन, मल्टी कॉम्प्लेक्स, महलनुमा आवासीय घर, होटल, फार्म हाउस, बिजनेस एजेंसियां, पेट्रोल पंप और अन्य निवेश के अलावा विदेशों में भारी निवेश किया। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि नकदी और आभूषण के अलावा कुल 43 अचल संपत्तियां जमा की गईं। एफआईआर में सूचीबद्ध 43 कथित संपत्तियों के अलावा अतिरिक्त संपत्तियां भी आरोपी परिवार की होने का संदेह पाया गया।
अदालत में दायर आरोपपत्र में कहा गया है कि आरोपी ओपी चौटाला ने अचल और चल दोनों संपत्ति अर्जित की थीं, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोत से अधिक थी। आय से अधिक संपत्ति की गणना 6 करोड़ 9 लाख 79 हजार 026 रुपये की गई थी, जोकि उनकी वास्तविक आय के ज्ञात स्रोतों से 189.11 प्रतिशत अधिक थी। बहरहाल अदालत ने चौटाला को जेल की सजा काटने के लिए न्यायिक हिरासत लेने के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने वर्ष 1993 से 2006 के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के दोषी करार दिए गए ओम प्रकाश चौटाला और सीबीआई के वकीलों की ओर से गुरुवार को सजा पर बहस सुनने के बाद फैसला शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।
सीबीआई ने की थी अधिकतम सजा की मांग
सजा सुनाए जाने के दौरान चौटाला कोर्ट रूम में ही मौजूद रहे। गुरुवार को सजा पर बहस के दौरान चौटाला की ओर से पेश हुए वकील हर्ष शर्मा ने कम से कम सजा देने के लिए बुढ़ापे और बीमारी का हवाला दिया और बताया कि चौटाला जन्म से ही पोलियो से संक्रमित हैं और आंशिक रूप से अक्षम हैं। हालांकि, सीबीआई के वकील अजय गुप्ता ने स्वास्थ्य और उम्र के आधार पर चौटाला के वकील द्वारा रियायत देने की दलील का विरोध किया था।
सीबीआई ने अदालत से आग्रह किया कि चौटाला को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए क्योंकि इससे समाज में एक संदेश जाएगा। इस मामले में आरोपी एक सार्वजनिक व्यक्ति है और न्यूनतम सजा देने से समाज में गलत संदेश जाएगा। उनका साफ-सुथरा इतिहास नहीं है। यह यह दूसरा मामला है जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया है। अदालत ने पिछले सप्ताह चौटाला को दोषी करार देते हुए कहा कि था वह आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति हासिल करने का संतोषजनक हिसाब देने में असफल रहे।