उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को योगी सरकार 2.O का पहला बजट पेश किया। 6 लाख करोड़ रुपए से अधिक के इस बजट में युवाओं, किसानों और महिलाओं को ध्यान में रखकर कई ऐलान किए गए हैं। यूपी के मुख्यमंत्री ने इस बजट की तारीफ करते हुए कहा कि लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए 130 में से 97 वादों को पूरा किया गया है। वहीं विपक्ष को यह रास नहीं आया। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख ने जहां इसे घिसापिटा बताया तो समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि यह बजट छठा है, लेकिन इसमें सबकुछ घटा है।
क्या बोलीं मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गरीबी और बेरोजगारी दूर करने के लिए इसमें कुछ नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ”यूपी सरकार का बजट प्रथम दृष्टया वही घिसापिटा व अविश्वनीय और जनहित एवं जनकल्याण में भी खासकर प्रदेश में छाई हुई गरीबी, बेरोजगारी व गड्ढायुक्त बदहाल स्थिति के मामले में अंधे कुएं जैसा है, जिससे यहां के लोगों के दरिद्र जीवन से मुक्ति की संभावना लगातार क्षीण होती जा रही है।”
एक अन्य ट्वीट में मायावती ने लिखा, ”यूपी के करोड़ों लोगों के जीवन में थोड़े अच्छे दिन लाने के लिए कथित डबल इंजन की सरकार द्वारा जो बुनियादी कार्य प्राथमिकता के आधार पर होने चाहिए थे, वे कहां किए गए। स्पष्टतः नीयत का अभाव है तो फिर वैसी नीति कहां से बनेगी। जनता की आंख में धूल झोंकने का खेल कब तक चलेगा?”
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
बजट के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि यह आंकड़ों का मकड़जाल है, जिसमें आप ढूंढते रहे जाएंगे कि आपके लिए क्या है। कुछ मिलेगा नहीं। उन्होंने कहा, ”जिस तरह यूपी को इन्फ्रास्ट्रक्चर या गरीबों की मदद के लिए योजना चलानी चाहिए थी वह सरकार नहीं कर पा रही है। जो गरीब हैं, जिन्हें वादा किया था कि गेहूं, चावल, तेल, चना मिलेगा, आंकड़ें देखें तो सरकार कह रही है कि इतने करोड़ लोगों को अनाज पहुंचाया है, लेकिन क्या सरकार इन्हें लगातार चलाएगी? इस बजट में भी नहीं लगता है कि बच्चों की पढ़ाई बेहतर हो पाएगी। इन बच्चों के पास अभी तक ड्रेस नहीं पहुंचे, मिड डे मील के तहत फल, दूथ नहीं मिल रहा है। यह जो बजट है दिल्ली से जो मदद मिलती है उसे भी जोड़ा गया है। जो छह लाख करोड़ के लिए ताली बज रही है वह दिल्ली के बजट को जोड़कर बना है।” अखिलेश यादव ने कहा कि किसान के गन्ने का भुगतान का तो सरकार बताती है। लेकिन सरकार कभी यह नहीं बताती कि बकाया कितना है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय अभी तक दोगुनी नहीं हुई है। यह बजट छठा है, लेकिन सबकुछ घटा है।