नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि भारत में लोकतंत्र की अपनी चुनौतियां हैं और तमाम बाधाओं के बावजूद हम लोकतंत्र के लोकाचार को बनाए रखने में सफल रहे हैं। हम लोकतंत्र में लोक के महत्व को सबसे अधिक समझते हैं। भारतीय लोकतंत्र की जड़ें जनता के संघर्ष में परिलक्षित होती हैं, जिसे हम समय-समय पर देखते हैं न कि समय-समय पर होने वाले चुनावों में।
तेजस्वी ने विश्व प्रसिद्ध कैंब्रिज विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ कैंब्रिज दक्षिण एशिया छात्र फोरम द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम में देश और बिहार के सर्वांगीण विकास तथा लोकतंत्र, विपक्ष का भविष्य, भूमिका व एकता पर अपने विचार रख रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हम एक बेहतर और विकसित भारत के लिए लड़ रहे हैं। हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि नफरत, आर्थिक और सामाजिक असमानता फैलाने वाली फासीवादी विचारधारा से है। इसी के साथ बेरोजगारी, गरीबी, गैर-बराबरी, सांप्रदायिकता और असंवेदनशील पूंजीवाद के खिलाफ भी हम लड़ रहे हैं। हमारी नीतियां, सिद्धांत, विचारधारा और पार्टी गरीब, युवा, महिला, किसान, वंचित, उपेक्षित और अल्पसंख्यक वर्गों के पक्ष में है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि आरएसएस नीत भाजपा सरकार की सांप्रदायिक और असंवेदनशील पूंजीवादी नीतियों के कारण देश में बेचैनी और नफरत का माहौल है। गरीबी, बेरोजगारी, असमानता और महंगाई दिन-दुगुनी रात चौगुनी बढ़ रही है। संविधान और देश को इन ताकतों से बचाने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट होने की आवश्यकता है। चुनाव जीतने से ज़्यादा जरूरी लोगों की जरूरतों को सुनना और उसे पूरा करना है। सभी दलों को जनसरोकार के मुद्दों को प्राथमिकता में रख सकारात्मक, प्रगतिशील और समावेशी राजनीति करनी चाहिए। कार्यक्रम में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, सीताराम येचुरी, सांसद महुआ मोइत्रा, सांसद डॉ. मनोज झा सहित अनेक प्रोफेसर, स्कॉलर व प्रबुद्ध छात्र उपस्थित थे।