चिलचिलाती गर्मी की वजह से शरीर संबंधी कई समस्याएं होने लगती हैं। इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस उनमें से ही एक गंभीर समस्या है। इससे पीड़ित व्यक्ति की कार्य क्षमता 30 से 40 प्रतिशत तक कम हो जाती है। अक्सर शरीर में पानी की मात्रा बहुत कम होने के कारण इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन की समस्या होती है जिसकी वजह से थकान, सुस्ती समेत अन्य परेशानियां भी होने लगती हैं। सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट, क्लोराइड जैसे तत्व इलेक्ट्रोलाइट्स को व्यवस्थित रखने में सहायक माने जाते हैं।
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण
पानी की कमी होने के कारण इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन की समस्या होती है जिसके अन्य कई कारण हो सकते हैं। उल्टी-दस्त, पर्याप्त मात्रा में पानी या तरल पदार्थ ना लेना, जरूरत से ज्यादा पसीना आना, किडनी या लिवर की बीमारी वाले लोगों में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत होती है।
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के लक्षण
जब इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन की समस्या गंभीर रूप ले लेती है तो इसके कुछ संकेत नजर आ सकते हैं। कई बार ब्लड टेस्ट के बिना इस समस्या का पता भी नहीं चल पाता है। इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण दिल की धड़कन में अनियमितता, थकान-सुस्ती, जी मिचलाना-उल्टी, दस्त या कब्ज और पेट में ऐंठन की समस्या हो सकती है। ऐसे लक्षण अगर बार-बार दिख रहे हैं तो तुरंत सावधान होने की जरूरत है और डॉक्टर से सलाह लें।
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन की समस्या से बचाव
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन की समस्या से बचे रहने के लिए पानी और तरल पदार्थों की मात्रा को बढ़ा देना चाहिए। हालांकि लिक्विड में भी स्पोर्ट्स ड्रिंक्स या कोल्ड ड्रिंक्स के सेवन से बचना चाहिए। इसके लिए ओआरएस, ग्लूकोज, नींबू पानी या इलेक्ट्रॉल के घोल को दिन में कई बार पीना चाहिए, इससे शरीर को भी आराम मिलता है। इसके अलावा इलेक्ट्रोलाइट रिच फूड्स को खाना चाहिए जैसे नारियल पानी, केला, हरी पत्तेदार सब्जियां, एवोकाडो, नट्स आदि। ये शरीर को हाइड्रेटेड रखने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं।