कांग्रेस के नवसंकल्प चिंतन शिविर को लेकर कांग्रेस में ही लोग सवाल उठा रहे हैं। कुछ लोगों ने तो आलाकमान तक अपनी नाराजगी भिजवा दी है। उदयपुर की कांग्रेस कमेटी में भी इस बात को लेकर आक्रोश है कि इतना बड़ा शिविर होने के बाद भी आलाकमान ने तीन दिनों में लोकल कांग्रेस कमेटी से मिलने की जहमत नहीं उठाई। यही नहीं कांग्रेस के अपने राज्य मंत्रियों, पीसीसी के कार्यकारी अध्यक्षों व कुछ राष्ट्रीय प्रवक्ताओं ने भी नाराजगी जाहिर की है।
इस नाराजगी को दूर करने के लिए अब एआईसीसी मिनी शिविर आयोजित करने पर विचार कर रही है। इसकी तारीख जल्दी ही घोषित की जाएगी। कुल मिलाकर इस मिनी शिविर में 120 नेता शामिल होंगे। इसमें सभी राज्यों के करीब 70 कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस के सरकार है, वहां के प्रमुख मंत्री, महाराष्ट्र व झारखंड में जहां सत्ता साझा कर रही कांग्रेस के मंत्रियों को आमंत्रित किया जाएगा।
इधर, उदयपुर में कांग्रेस कमेटी में शिविर को लेकर उत्साह का माहौल तो बना, लेकिन अब इस बात को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि जिस शहर में इतना बड़ा शिविर आयोजित किया गया, वहां की कांग्रेस कमेटी से आलाकमान ने मिलने की भी जहमत नहीं उठाई।
‘कार्यकर्ताओं के बीच पेश कर सकते थे उदाहरण’
नाम नहीं छापने की शर्त पर कांग्रेस कमेटी सदस्य बताते हैं कि हमारे नेता राहुल गांधी जब यह बोल रहे हैं कि हमारा लोगों से संपर्क टूट गया है और हमें लोगों के बीच जाना है तो उन्हें भी यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच आकर उदाहरण पेश करना चाहिए था। इससे कार्यकर्ताओं में एक बेहतर संदेश जाता है। जिस शहर में वो देश के नेतृत्व के लिए चिंतन कर रहे थे, उस शहर के प्रबुद्ध नागरिकों के साथ दस मिनट का सत्र भी करते तो उनकी कथनी और करनी में स्पष्टता दिखाई देती। बहरहाल उम्मीद है कि भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी जहां भी जाएंगे लोगों से जरूर मिलेंगे।