राजधानी के कई जिलों में लगातार पाचवें दिन पानी किल्लत बरकरार है। दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक हरियाणा से कच्चा पानी कम पहुंचने और यमुना का जलस्तर गिरने से जलापूर्ति बाधित हो रही है। हरियाणा सरकार द्वारा कम पानी छोड़े जाने से वजीराबाद बैराज में जलस्तर सामान्य 674.5 फुट से घटकर इस साल के न्यूनतम स्तर 669 फुट (समुद्र तल से 5.5 फीट नीचे) पर पहुंच गया है।
मंगलवार को जलमंत्री सत्येंद्र जैन ने वजीराबाद बैराज का निरीक्षण कर मौके का जायजा लिया। पानी किल्लत से परेशानी हो रही है। जलमंत्री ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यमुना में लगातार घटते जलस्तर से वजीराबाद और चंद्रावल जल उपचार संयंत्रों पानी का उत्पादन प्रभावित हुआ है। जल मंत्री ने कहा कि वजीराबाद बैराज दिल्ली का सबसे महत्वपूर्ण जलाशय है। यह उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली के लिए पानी के प्रमुख स्रोतों में से एक है। जलस्तर गिरने से पानी कम होने से उत्पादन 60 से 70 एमजीडी तक कम हो गया है।
पर्याप्त पानी नहीं
जल मंत्री के मुताबिक हरियाणा सरकार द्वारा पर्याप्त पानी की आपूर्ति न किए जाने के कारण वजीराबाद बैराज में पानी का स्तर बेहद कम हो गया है। यमुना का जलस्तर यदि एक फीट भी नीचे चला जाता है, तो दिल्ली में पानी की भारी किल्लत हो जाती है। क्योंकि दिल्ली अपने पीने के पानी की पूर्ति का बड़ा हिस्सा यमुना से ही करती है। पानी का एक बड़ा हिस्सा वजीराबाद और चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से आता है।
1,050 क्यूसेक पानी की आपूर्ति की जा रही
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली को 1,050 क्यूसेक जलापूर्ति की जा रही है, इसके कुछ दिन बाद दिल्ली सरकार ने यमुना नदी में अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए भाजपा शासित राज्य को एसओएस भेजा था।
यह भी जानें
जलमंत्री के मुताबिक, दिल्ली एक लैंडलॉक शहर है। यहां ज़्यादातर पानी की आपूर्ति पड़ोसी राज्यों से आने वाली नदी से होती है। यूपी गंगा के पानी की आपूर्ति करता है और हरियाणा से यमुना के पानी की आपूर्ति होती है। पंजाब के भाखड़ा नंगल से भी कुछ पानी मिलता है। इनमें सबसे ज्यादा पानी की आपूर्ति हरियाणा से होती है।
यमुना दिल्ली में वजीराबाद बैराज से 15 किमी ऊपर पल्ला में प्रवेश करती है, जो दिल्ली का एक मुख्य जलाशय है। बता दें, वजीराबाद बैराज को साल 1959 में उत्तरी दिल्ली में यमुना नदी पर बनाया गया था। बैराज एक प्रकार का बांध होता है, जिसमें बड़े-बड़े द्वार की शृंखला होती है। बैराज द्वारा नदियों के प्रवाह तथा उनके जलस्तर को नियंत्रित किया जाता है।
हरियाणा से अतिरिक्त 150 क्यूसेक पानी मांगा
राजधानी में पानी किल्लत के मद्देनजर जल बोर्ड ने हरियाणा सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर अतिरिक्त 150 क्यूसेक पानी देने का आग्रह किया है। जल बोर्ड के मुताबिक, हरियाणा से पानी कम प्राप्त होने के चलते चंद्रावल और वजीराबाद जल उपचार संयंत्रों से 55 एमजीडी कम उत्पादन हो रहा है। पत्र में कहा गया है कि मध्य, उत्तर, दक्षिणी दिल्ली समेत कई इलाकों में पानी किल्लत है। 16 मई को 1260 एमजीडी मांग थी, लेकिन केवल 819 एमजीडी का उत्पादन हो सका। जबकि, 875 एमजीडी पानी का उत्पादन जल संयंत्रों से करना था।
इन इलाकों में रहने वाले लोगों को ज्यादा दिक्कत
सिविल लाइन, हिंदू राव अस्पताल और आसपास के क्षेत्र, कमला नगर, शक्ति नगर और आसपास के क्षेत्र, करोल बाग, पहाड़गंज और एनडीएमसी क्षेत्र, पुराना और नया राजिंदर नगर, पटेल नगर (पूर्व और पश्चिम), बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी और आसपास के क्षेत्र, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रहलादपुर और आसपास का क्षेत्र, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, जहांगीरपुरी समेत कई इलाके प्रभावित हैं।