कोरोना के कारण पिता की आमदनी घट गई तो कक्षा आठ के छात्र आकाश को पढ़ाई छोड़नी पड़ी। पिता के लिए तीन बच्चों को पालना मुश्किल था तो पढ़ाते कैसे। ऐसे में आकाश को परिवार का सहारा बनने लिए कच्ची उम्र में टेंपो में हेल्पर बनना पड़ा।
यह कहानी अकेले आकाश की नहीं है। दिल्ली में ऐसे सैकड़ों बच्चे हैं, जिन्होंने महामारी में परिवार की कमाई छूटने पर बस्ता उतारकर पीठ पर कबाड़ का बोझा लाद लिया। हाथ में कॉपी-किताब की जगह प्लास-पेचकस थाम लिया। स्कूल के बजाए खुद को धधकते भट्ठों पर तपाना शुरू कर दिया।
दिल्ली बाल संरक्षण आयोग और श्रम विभाग से आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि बाहरी दिल्ली के चार जिलों से छुड़ाए गए बाल मजदूरों में अधिकांश 9 से 15 साल की उम्र के थे। खास बात यह थी कि पिछले तीन महीने में 151 बच्चे छुड़ाए गए, जिनमें 82 लड़कियां थीं। ये मजबूरी में खिलौनों, पंखों, एलईडी बल्ब-ट्यूब और स्टील का सामान बनाने की फैक्टरियों में काम कर रही थीं। इनमें से ज्यादातर ने लॉकडाउन के बाद घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ने पर पढ़ाई छोड़ कर काम को प्राथमिकता दी।
विशेष जानकारी
● गत वर्ष बाहरी दिल्ली इलाके से 312 बच्चे बाल मजदूरी करते छुड़ाए गए। इस वर्ष 6 अप्रैल तक 151 बच्चों को कराया गया रेस्क्यू।
● 50 से सौ रुपये की दिहाड़ी पर फैक्टरियों में काम करते मिले बाल मजदूर
● 60 फीसदी बच्चों ने पढ़ाई छोड़ फैक्टरी में काम करना शुरू किया
● बीते 3 मार्च 2022 को 73 बच्चे बवाना इलाके से रेस्क्यू कराए गए। इनमें 35 लड़के तो 38 लड़कियां परिवार के लिए दो जून की रोटी कमाने को थी मजबूर। वहीं, 6 अप्रैल 2022 को ख्याला इलाके से 78 बच्चे रेस्कयू कराए गए। जिनमें 44 लड़कियां व 34 लड़के हैं। 7 फैक्टरी की गई सील।
48 फीसदी बढ़ी बाल मजदूरी
बाहरी दिल्ली के चार जिलों में 2021 के मुकाबले इस साल महज तीन महीने में बाल मजदूरों की संख्या 48.4 फीसदी तक बढ़ गई है। गैर सरकारी संस्था सहयोग केयर फॉर यू के निदेशक शेखर महाजन के मुताबिक, पिछले साल एक जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2021 के बीचबाहरी दिल्ली के विभिन्न इलाकों से बंधुआ मजदूरी करने वाले 312 बच्चों को छुड़ाया गया था। इस वर्ष 6 अप्रैल तक बेहद खराब स्थिति में काम करते हुए 151 बच्चों को बचाया जा चुका है।
अधिकारी नियुक्त
बाल मजदूरी के मामले बढ़ने पर अदालतों में विशेष न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति की गई है। ये ऐसे बच्चों के बयान वीडियो कान्फ्रेंसिंग अथवा विशेष व्यवस्था के तहत अदालत में निष्पक्ष रूप से दर्ज कराएंगे।