बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि सिर्फ माथा टेकने से काम नहीं चलेगा। सरकारें नीयत साफ रखकर अंतर मिटाएं यही गौतमबुद्ध को सच्ची श्रद्धांलजि होगी। उन्होंने गौतमबुद्ध को श्रद्धांजलि देने के बाद यह बातें सोमवार को कही।
उन्होंने कहा कि तथागत जैसे संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि के आदर्शों पर चलकर ही जनता के जीवन को सुखी बनाने की व्यापक उपयोगिता व सार्थकता है। इसीलिए सभी प्रकार के द्वेष व संकीर्णता आदि से ऊपर उठकर देश को फिर से जगदगुरु बनाने के ईमानदार प्रयास की जरूरत है। बसपा अपनी तरफ से लगातार प्रयास व संर्घरत है। इससे कतई पीछे हटाने वाली नहीं है। पर सरकारों को भी इस पर ईमानदारी से काम करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि एशिया के ज्योति पुंज के रूप में माने जाने वाले महात्मा गौतमबुद्ध ने भारतीय इतिहास को सत्यपरक ज्ञान से सुशोभित किया। उनके अनुयाइयों में सम्राट चंद्रगुपत मौर्य व महान सम्राट अशोक ने बहुजन हितया व बहुजन सुखाय को अपने संविधान के मूल सूत्र के रूप में स्थापित कर सामाजिक क्रांति की मजबूत नींव डाली।