दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में बिना परमिट के दौड़ रहे ऑटो, ई-रिक्शा/ठेला के परिचालन पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने ने इसे गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार और ट्रैफिक पुलिस को नियमों की अनदेखी कर चल रहे ऑटो, ई-रिक्शा/ठेला के खिलाफ समुचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की बेंच ने सरकार और पुलिस को परमिट के बगैर चल रहे ऑटो, ई-रिक्शा/ठेला की निगरानी करने और चालान करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश उस जनहित याचिका पर दिया है, जिसमें कहा गया है कि राजधानी में अवैध रूप से 22 हजार ऑटो और 52,280 ई-रिक्शा बिना लाइसेंस के सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
इस याचिका में ई-ऑटो के लिए परमिट जारी करने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा आवेदन मंगाए जाने के लिए जारी आदेश को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि जब तक राजधानी में अवैध तरीके से बिना परमिट के ऑटो और लाइसेंस के बगैर ई-रिक्शा/ठेला का परिचालन हो रहा है, तब तक सरकार को ई-ऑटो के लिए परमिट जारी करने पर रोक लगा दी जानी चाहिए।
बेंच ने सरकार की रिपोर्ट पर विचार करते हुए जनवरी से अप्रैल-2022 तक नियमों की अनदेखी करने वाले ऑटो/ई-रिक्शा के किए गए चालान के बारे में सारिणीबद्ध तरीके से रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही, आगे भी निगरानी और चालान करने की कार्रवाई को जारी रखने का आदेश दिया है।
इससे पहले बेंच ने सरकार द्वारा पेश रिपोर्ट पर विचार किया गया। सरकार ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा है कि दिसंबर, 2021 तक राजधानी में 80 हजार 583 ई-रिक्शा/ ठेला का बिना फिटनेस के चल रही है। साथ ही कहा कि इसके बाद 9451 ई-रिक्शा फिटनेस खत्म हो गई और सड़कों पर दौड़ रहे हैं।